रांची। आदिवासी सेंगल अभियान (एएसए) की ओर से भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ 18 जून को झारखंड बंद बुलाया गया है। बंद के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय ने सुरक्षा की तैयारी पूरी कर ली है। बंद के दौरान विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए राजधानी सहित सभी जिलों में 5000 अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की जायेगी। बंद को लेकर रांची, जमशेदपुर, धनबाद एसएसपी के अलावा सभी जिलों के एसपी को एलर्ट कर दिया गया है।
बता दें कि इसी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने सरकार से भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल पर 24 घंटे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। उन्होंने कहा कि झामुमो विकास विरोधी नहीं है, पर झारखंडियों की जमीन को लुटने भी नहीं दिया जाएगा। इधर, आदिवासी सेंगेल अभियान और झारखंड दिशोम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के खिलाफ 18 जून को झारखंड बंद की घोषणा की है।
वहीं हेमंत सोरेन ने कहा कि खबरों के मुताबिक भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के राज्य सरकार के प्रस्ताव को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। हालांकि राज्य सरकार ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है। सरकार 24 घंटे के भीतर बताए कि सच्चाई क्या है। वह इसके बारे में आगे कौन सा कदम उठाना चाहती है। अगर झारखंडियों के पक्ष में सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया तो झामुमो नेता एक बार फिर पुराने तेवर के साथ सड़क पर उतरेंगे। अलग राज्य के आंदोलन की तरह ही एक बड़े आंदोलन की पृष्ठभूमि बन चुकी है। इस मुद्दे पर संयुक्त विपक्ष के साथ सोमवार को बैठक होगी, जिसमें आंदोलन की रणनीति तक की जाएगी।
साथ हीआदिवासी सेंगेल अभियान और झारखंड दिशोम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के खिलाफ 18 जून को झारखंड बंद की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि झामुमो समेत उनके सहयोगी तमाम विपक्षी दल इस बंद में सहयोग की घोषणा करे। झारखंड भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल 2017 पर राष्ट्रपति की मुहर आदिवासियों और मूलवासियों के लिए डेथ वारंट है।