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शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गठबंधन जारी रखने के लिए रखी अपनी शर्त

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मुंबई। आम चुनाव भले ही अभी दूर हों, पर एनडीए में गठबंधन को लेकर सहयोगी दलों में तैयारी शुरू हो गई है। बिहार में नीतीश कुमार की जदयू ने जिस तरह बीजेपी से बड़े भाई की भूमिका और गठबंधन का पुराने फॉर्मूले पर साथ रहने की शर्त रखी। उसी तरह अब महाराष्ट्र में शिवसेना, बीजेपी के साथ चुनाव में उतरना चाहती है। तीन दिन पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के दौरान शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गठबंधन जारी रखने के लिए अपनी शर्त बता दी है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा से शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से 152 सीटें मांगी हैं। वह 136 सीटें ही भाजपा के लिए छोड़ना चाहती है, ताकि वह ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत सके।

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shiv sena attack on bjp

शिवसेना का मुख्यमंत्री चाहते हैं उद्धव

बता दें कि राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, शिवसेना का यह कदम उद्धव ठाकरे की उस योजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह राज्य में मुख्यमंत्री अपनी पार्टी का चाहते हैं। हालांकि भाजपा, शिवसेना को पहली प्राथमिकता देना नहीं चाहती है। बीजेपी 2014 के (लोकसभा) सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर शिवसेना के साथ 2019 के आम चुनाव में उतर सकती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोकसभा के बाद वह विधानसभा चुनाव में क्या करेगी।

वहीं शिवसेना के एक नेता ने कहा- ‘यह हमारे लिए बहुत बड़ी भूल होगी। यदि बीजेपी केंद्र की सत्ता में वापस लौटती है, तो फिर महाराष्ट्र में लोगों का मूड भी उसके अनुसार बदल जाएगा। ऐसे में शिवेसना का भाजपा से अलग होकर चुनाव में उतरना बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। नेता ने कहा- ‘उद्धव ने शाह से स्पष्ट कह दिया कि विधानसभा चुनाव में तभी साथ उतरा जा सकता है, जब भाजपा, शिवसेना को 152 सीटें देने को तैयार हो। सीटों को लेकर दोनों दलों में कड़वाहट के बाद भाजपा और शिवसेना 2014 में विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़े थे। बाद में फिर गठबंधन कर सरकार का गठन किया था।

भाजपा 130 से ज्यादा सीटें देने के मूड में

आपको बता दें कि भाजपा सूत्रों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में शिवसेना को भाजपा 130 से ज्यादा सीटें देने की पेशकश नहीं कर सकती। शाह ने पार्टी नेताओं, सांसदों और विधायकों से कहा है कि वे लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अकेले उतरने के लिहाज से भी तैयारी रखें। इसकी वजह यह है कि भाजपा नेतृत्व अंतिम समय में शिवसेना से बातचीत बिगड़ने को लेकर भी डरा हुआ है। ऐसे में दूसरे प्लान पर काम करना होगा।

शाह वैचारिक मतभेद वाले लेखक नैयर से मिले

साथ ही संपर्क अभियान के तहत अमित शाह ने शनिवार को प्रख्यात लेखक और विचारक कुलदीप नैयर से मुलाकात की। वैचारिक तौर पर कुलदीप नैयर हमेशा से संघ के विरोध में रहे हैं और संघ के लोग भी उन्हें पाकिस्तान समर्थक मानते हैं। कुलदीप नैयर पिछले 5 दशकों से पत्रकारिता से जुड़े रहे हैं और भारत-पाक संबंध के विशेषज्ञ हैं। उधर, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अभिनेता संजय दत्त से मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं, क्योंकि संजय के पिता सुनील दत्त कांग्रेस नेता रहे। संजय की बहन भी कांग्रेस में हैं।

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