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सपा के महाभारत में ‘भीष्म’ की एंट्री, शुक्रवार को नेताजी लेंगे ‘क्लास’

ramgopal सपा के महाभारत में ‘भीष्म’ की एंट्री, शुक्रवार को नेताजी लेंगे 'क्लास'

लखनऊ। सपा के भीतर चल रही सियासी संग्राम इतने आसानी से सुलझता नहीं दिख रहा है।मुख्यमंत्री अखिलेश और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच के मनभेद पार्टी के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं, कलह के बीच बिचौलिए का रुप निभा रहे सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने मामले को सुलझाने के लिए सारे तरकीब अपनाते दिख रहे हैं, पर इन सब के परे दोनो का रुख किसी शांत दिशा में जाता दिख नहीं रहा है। सपा मुखिया मुलायम सिंह ने शिवपाल से मिलकर संकट को दूर करने के प्रयास तो किए पर इसका कोई खास परिणाम नजर नहीं आया।अखिलेश ने शिवपाल से उनके महत्वपूर्ण विभाग लेकर इस तकरार को और पेंचीदा बना दिया है। इस संकट के समाप्त होने का कोई संकेत नहीं होने के बीच पार्टी सूत्रों ने कहा है कि मुख्यमंत्री को इस बात के लिए मनाया जा सकता है कि वह महत्वपूर्ण विभागों को लौटाकर इस मुद्दे पर अपने रूख को नरम करेंगे।

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सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार मुलायम ने जो शांति फार्मूला निकाला है कि उसमें शिवपाल से यह उम्मीद की जाएगी कि वह पार्टी का प्रदेश प्रमुख बनाये जाने के बाद पार्टी मामलों पर अधिक ध्यान देंगे। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। अखिलेश को कल उनके पिता ने सपा प्रदेश प्रमुख पद से हटा दिया था जिससे यह संकट और गहरा गया।

अखिलेश के पक्ष में दिखे रामगोपाल- गौरतलब है कि मामले को सुलझाने के लिए अखिलेश के सबसे करीबी प्रो रामगोपाल आज लखनऊ पहुंचकर मुख्यमंत्री अखिलेश से मुलाकात की। पार्टी को उम्मीद है कि वे इस मुद्दे का जल्द ही कोई हल निकालेंगे। इस बीच मीडिया से मुखातिब हुए रामगोपाल ने कहा कि पार्टी में सब कुछ सही चल रहा है, संकट जैसी कोई स्थिति नहीं है। हर राजनीतिक पार्टी के साथ ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। मुख्यमंत्री ने जो कुछ भी फैसले लिए हैं वह अपने पद की हैसियत से लिए हैं जिसका उन्हे पूरा अधिकार है। साथ ही उन्होने यह भी कहा कि अखिलेश को अध्यक्ष पद से हटाकर गलती की गई है इस मामले में उनसे इस्तीफा लेना चाहिए था।

शिवपाल ने की थी नेताजी से मुलाकात- आपको बता दें कि इससे पहले बुधवार को शिवपाल यादव ने पार्टी प्रमुख से दिल्ली आवास पर मुलाकत की। शिवपाल ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में इन अटकलों को खारिज कर दिया कि पार्टी के अंदर और यादव परिवार में कोई मतभेद है। उन्होंने कहा, ‘‘न तो मैं और न ही नेताजी नाराज हैं।  हम सब खुश हैं। कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट विभागों का फैसला मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है लेकिन नेताजी ने मुझे पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला किया है। मेरी जिम्मेदारी अगले चुनाव में सपा को सत्ता में वापस लाना है। मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी करूंगा, मैं इस्तीफा नहीं दूंगा,मैं अब भी कैबिनेट में शामिल हूं।

शुक्रवार को आ सकता है कोई निर्णय मिल रही जानकारी के अनुसार मुलायम शुक्रवार सुबह लखनऊ पहुंच सकते हैं और इस बात के संकेत हैं कि उनकी अखिलेश के साथ अकेले में बैठक भी हो सकती है, चूंकि मुलायम सिंह ही ऐसे व्यक्ति है जो इस मुद्दे को शांत कराने में सक्षम है, ऐसे में शुक्रवार को होने वाली मुलाकात में सकारात्मक संकेत आने के भी आसार लगाए जा रहे है। इसके पहले अखिलेश ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार का झगड़ा है, परिवार का नहीं। परिवार में सब नेताजी की बात मानते हैं। मैंने भी नेता जी की बात मानी। ‘घर के बाहर के लोग हस्तक्षेप करेंगे तो पार्टी कैसे चलेगी। कुछ निर्णय जरूर मैंने लिये हैं।कभी कभी कुछ निर्णय अपने आप लिये जाते हैं।

अब देखने वाली बात यह होगी कि चाचा-भतीजे का यह विवाद कितने दिन में शांत होता है और क्या पार्टी प्रमुख कोई ऐसी तरकीब के बारे में विचार कर रहे हैं जिससे ‘सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे’। खैर यह अब भी भविष्य की बात है जिसपर से शुक्रवार को पर्दा हटने की उम्मीद है।

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