लखनऊ। समाजवादी पार्टी में मची महाभारत के बीच मुलायम सिंह यादव को एक और झटका जल्द ही लग सकता है। दरअसल गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट 23 साल पुराने गेस्ट हाउस कांड पर अपना फैसला सुना सकती है जिसका असर आगामी विधानसभा 2017 के चुनावों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
काफी समय से एक के बाद एक समाजवादी पार्टी में घमासान जारी है। एक ओर जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल से 7 विभाग वापस लेकर केवल दो विभाग सौंपे थे जिससे नाराज शिवपाल ने अटकलों के बीच अपने बड़े भाई और पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर उनकी बात मानी। लेकिन लगता है कि सपा की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही और आज 23 साल पुराने केस का फैसला पूरी पार्टी पर भारी साबित हो सकता है। बता दें कि 23 साल पुराने गेस्ट हाउस कांड में बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी के नेताओं पर जानलेवा हमला कराने का केस दर्ज किया था जिस पर आज फैसला आ सकता है।
जानिए आखिर क्या है गेस्ट हाउस कांड:-
बसपा मुखिया मायावती ने 2 जून 1995 को भड़की भीड़ बहन जी की आबरु को रुसवा करने के लिए आमदा थी जिसका आरोप मायावती ने समाजवादी पार्टी पर लगाया था। इस घटना को लेकर कई तमाम तरह की बातें होती रहती है लेकिन आज भी इस घटना के बारे में लोगों को सही से जानकारी नहीं मिली कि आखिर उस दिन राज्य अतिथि गृह के कमरे में क्या हुआ था? हालाकि इस घटना की टीस मायावती को अक्सर होती रहती है और हाल ही में उन्होंने आजमगढ़ में आयोजित एक रैली में इस घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्हें बुआ कहने का हक नहीं है क्योंकि वो उस घटना को अब तक भूली नहीं है।