दमिश्क। विश्व की सभी बड़ी महाशक्तियों के लिए जंग का मैदान बन चुके सीरिया में अब इजराइल और ईरान आमने-सामने आ गए हैं। इजराइल की सेना का कहना है कि उसने रात भर सीरिया में ईरान के सैन्य ठिकानों पर कई हमले किए। सेना के बयान में कहा गया है कि दमिश्क में स्थित इन ठिकानों पर रॉकेट लॉन्चर और मिसाइल दागी गई है, जिसके लिए ईरान जिम्मेदार है। इस घटना के सामने आने के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इजराइली सेना के प्रवक्ता का कहना है कि उन्होंने खुफिया, साजो-सामना, भंडार गृह और वाहनों को निशाना बनाया है।
उन्होंने बताया कि ये हाल के कुछ वर्षों में इजराइली सेना का ईरान के खिलाफ सबसे बड़ा हमला है। इजराइल ने ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है। इजराइल की नेतन्याहू सरकार ने ये दावा किया है कि इजराइल अधिकृत गोलन हाइट्स में सीरिया से सटी सीमा पर ईरान सैन्य ठिकानों पर अटैक किया गया,जिसमे 20 रॉकेट और मिसाइल दागे गए। दूसरी तरफ सीरिया का कहना है कि इजराइल दमिश्क के पास हमला किया है। सीरिया की मीडिया ने दावा किया है कि दमिश्क की बाहरी सीमा पर इजाइली हमने में मरने वालों की संख्या 15 हो गई है।
इसमें असद समर्थक गैर-सीरियाई लड़ाकों सहित आठ ईरानी नागरिक शामिल हैं। वही सीरिया ने दमिश्क के पास स्थित एक जिले में दागी गई इजरायली मिसाइलों को मार गिराने का दावा किया है। सीरियाई सेना ने किस्सवेह जिले में इजराइल द्वारा दागी गई दो मिसाइलों को विमान रोधी सुरक्षा सिस्टम से मार गिराया है। बुधवार को रूस जाने से पहले इजरायल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि सीरिया में वर्तमान में जो हो रहा है, उसके मद्देनजर रूसी सेना व आईडीएफ के बीच समन्वय सुनिश्चित करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इजरायल ने बार-बार दोहराया है और फिर से कहता है कि वह ईरान के सीरिया में बढ़ते प्रभाव को ‘खतरा’ मानता है और वह ईरान को सीरिया में प्रवेश की इजाजत नहीं देगा। इजरायली नेता ने रूस से ईरान की सीरिया में मौजूदगी रोकने को कहा है, जहां रूसी व ईरानी सेनाएं बशर अल-असद के शासन का समर्थन कर रही हैं। बता दें कि सीरिया में विद्रोहियों के खिलाफ असद सरकार 2011 से हमले कर रही है और रूस व ईरान सीधे तौर पर असद सरकार का साथ दे रहे हैं।