तेहरान। परमाणु हथियारों को लेकर ईरान और इजराइल में ठन चुकी है। दरअसल इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को मिले दस्तावेजों के आधार पर कहा था कि ईरान पूरी दुनिया से झूठ कह रहा है उसने कभी परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की ही नहीं है। वहीं नेतन्याहू के इस आरोप पर ईरान ने भी अब अपनी प्रतिक्रिया दी है। ईरान ने नेतन्याहू को झूठा बताया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बेहराम गेसेमी ने नेतन्याहूं के आरोपों को पुराना, बेकार और शर्मनाक बताया है।
इससे पहले ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने इजरायली पीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो दुनिया को पागल बना रहे हैं। उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा कि नेतन्याहू ने अपना रोना फिर शुरू कर दिया है। आप कुछ लोगों को हमेशा बेवकूफ बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये दस्तावेज पुराने आरोपों को दोबारा नया बनाकर दिखाने की कवायत है। इन आरोपों की अंतर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी पहले ही जांच कर चुकी है।
गौरतलब है कि नेतन्याहू ने कई दस्तावेजों का खुलासा करते हुए कहा था कि इनसे साफतौर पर पता चलता है कि ईरान ने दुनिया की नजरों से छिप कर परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की थी। नेतन्याहू के मुताबिक ये “गुप्त परमाणु फाइलें” हैं। साल 2015 में ईरान खुद पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने के बदले ऊर्जा के लिए बने अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने की बात पर राजी हुआ था। वहीं ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम देश में ईंधन की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करता है।
नेतन्याहू ने बताया कि उनके पास तेहरान में एक गुप्त स्टोरेज से इसराइली ख़ुफ़िया विभाग को मिली डेटा की “प्रतियां” हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास 55 हज़ार पन्नों के सबूत हैं, साथ ही 183 सीडी हैं जिनमें 55 हज़ार फाइलें हैं, ये तमाम फाइलें परमाणु हथियार कार्यक्रम ‘प्रोजेक्ट अमाद’ से संबंधित हैं। नेतन्याहू ने आगे कहा कि इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य पांच मिसाइलों के लिए वॉरहैड बनाने और उनका परीक्षण करने का था, जिसमें प्रत्येक वॉरहैड में 10 किलोटन परमाणु विस्फोटक लगाने की योजना थी।