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वैल्यू एडिट खेती को जलवायु परिवर्तन के साथ किसान दें बढ़ावा

10 26 वैल्यू एडिट खेती को जलवायु परिवर्तन के साथ किसान दें बढ़ावा

देहरादून। किसानों के लिए हमें कुछ करना चाहिए हमें जलवायु परिवर्तन के साथ कृषि के बारे में सोचना होगा। हो रहे परिवर्तन के साथ हम सभी को बदलना होगा। पीएम की मन की बात में बागेश्वर की महिलाओं की कृषि का ज़िक्र किया। क्योंकि उन्होंने वैल्यू एडिशन कर खेती को नया आयाम दिया।

10 26 वैल्यू एडिट खेती को जलवायु परिवर्तन के साथ किसान दें बढ़ावा

वैल्यू एडिट खेती को दें बढ़ावा

पर्वतीय क्षेत्रों में हमें फलों और सब्ज़ियों के साथ वैल्यू एडिट खेती को बढ़ावा देना होगा। हमारे पर्वतीय क्षेत्रों के कई गाँवों ने मार्केट के हिसाब से खेती करनी शुरू की है। जंगली जानवरों से बचाव के लिए आप मसालों की खेती करने में लगें । अपनी खेती को पर्यटन से जोड़ें जैसा कि नैनीताल में टी टूरिज़्म को विकसित किया गया है।

हमें खेती के साथ पानी के संरक्षण को भी देखना होगा। हमें कैसे वर्षा के जल को संरक्षित कर खेती में उपयोग कर सकते हैं। हम पहाड़ों में पानी के संचय के लम्बे समय तक खेती को सिंचाई दे सकते हैं। क्योंकि हम जब जलवायु परिवर्तन के बारे में बात कर रहे है तो हमें इस इस पर सोचना होगा।

भारतीय वन अनुसंधान में आयोजित अन्तरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और पर्वतीय कृषि पर आयोजित सेमिनार के उद्घाटन सत्र में सीएम त्रिवेन्द्र सिंह में उक्त बातें कही। उन्होंने कहा देश के बड़े वैज्ञानिक आज यहाँ हैं जहाँ जलवायु परिवर्तन पर किसानों और पर्वतीय खेती पर 22 सत्रों में चर्चा करेंगे। आशा है इसके परिणाम सफल होंगे। इस मौक़े पर सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत और जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने ग्राम्या के लिए सार्थक प्रयासों पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया। साथ ही उन्होंने जलागम विभाग और ग्राम्या द्वारा उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों के प्रधानों को सम्मानित भी किया।

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