कठुआ गैंगरेप मामले में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कड़ा रुख अपनाते हुए 3 पुलिसवालों को बर्खास्त कर दिया है। बता दें कि ये तीनों पुलिसवाले आठ साल की मासूम आसिफा के साथ गैंगरेप और मर्डर में आरोपी हैं। सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए देश के लोग जिस तरह से आगे आए उससे व्यवस्था में विश्वास बहाल होगा। उन्होंने पीड़ित बच्ची को न्याय दिलाने में जम्मू – कश्मीर सरकार के साथ खड़े होने के लिए देश के नेतृत्व , न्यायपालिका , मीडिया और सीविल सोसाइटी की प्रशंसा की है।
महबूबा सरकार ने कठुआ मामले में मजबूत एक्शन लेते हुए आरोपी सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। बता दें कि दत्ता और तिलक राज पर सबूत मिटाने जबकि दीपक खजुरिया पर बच्ची के अपहरण, गैंगरेप और मर्डर केस में शामिल होने का आरोप है।
वहीं दूसरी तरफ बार असोसिएशन कठुआ (बाक) की तरफ से गैंगरेप और हत्या के आठ आरोपियों का मुफ्त में मुकदमा लड़ने का प्रस्ताव भी वापस ले लिया गया है। उनका ये फैसला ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक प्रक्रिया को बाधित करने की वकीलों की कोशिश पर गंभीरता से लिया था। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने कहा ता कि इश तरह से बाधा ड़ालने से न्याय व्यवस्था प्रभावित होती है। बीते शुक्रवार को मामले का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बार असोसिएशनों का यह कर्तव्य है कि आरोपियों या पीड़ित परिवारों की पैरवी करने वाले वकीलों के काम में बाधा नहीं डाली जाए।
आपको बता दें कि 10 जनवरी को आसिफा अपने जानवरों के लिए चारा लाने जंगल गई थी तभी वहां से कुछ लगों ने आठ साल की मासूम का अपहरण कर लिया था। इसके बाद 12 जनवरी को आसिफा के पिता ने हरिनगर थाने में अपनी बेटी के गायब होने की अफआईआर दर्ज करवाई थी।