नई दिल्ली -एससी-एसटी एक्ट के फैसले के खिलाफ पूरा भारत बंद हैं जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए जा रहे है दलित संगठनों की नाराजगी बढ़ती जा रही हैं। बता दे कि एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिशा निर्देश दिए गए थे। जिसका विरोध करते हुए भारत के अलग अलल राज्यों में दलितों की ओर से विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और नाराज संगठनों ने सोमवार को भारत बंद करने का एलान किया था
जिसका असर राजस्थान बिहार मध्यप्रदेश,यूपी,पंजाब में भी साफ तौर पर दिख रहा हैं। भारत बंद होनें का असर रेलो पर भी पड़ रहा हैं जगह जगह ट्रेनो को रोका जा रहा हैं और जगह जगह हिंसा भड़क उठी हैं। बता दे कि राजस्थान में भी इसका असर साफ तौर पर देखा जा रहा हैं। जिसमें 25 लोगों के जख्मी होने की खबर सामनें आ रही हैं। बता दे कि राजस्थान में एससी-एसटी एक्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलितों का भारत बंद पर हिंसक प्रदर्शन किए गए
जिसमें दलित संगठनों और करणी सेना के बीच भारत बंद को लेकर झड़प हो गई जिसमें करीब 25 लोग घायल हो गए हालात काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। बता दे कि करणी सेना भारत बंद के खिलाफ थी जिसका जिसका दलित संगठनों की ओर से विरोध किया गया। बता दे कि इस भारत बंद को लेकर भरतपुर में महिलाएं भी हाथों में लाठियां लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करने उतरीं गई हैं। बता दे कि इस भारत बंद ने कई राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया हैं। जगह जगह हिंसक पर्दशन हो रहे है।
कहां कहां क्या क्या हुआ
एससी-एसटी एक्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलितों का भारत बंद कई जगहों पर हिंसक हो गया है। मध्य प्रदेश के मुरैना में हुई झड़प में एक युवक की मौत हो गई है। राजस्थान के बाड़मेर और मध्य प्रदेश के भिंड में दो गुटों में हुई झड़प में करीब 30 लोग जख्मी हुए हैं। बाड़मेर में कई वाहनों में आग लगाई गई है। पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में भी बंद का व्यापक असर है। पंजाब में बंद के चलते सीबीएसई की परीक्षाएं टाल दी गई हैं। उधर, केंद्र सरकार आज इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दायर करेगी।
मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश के मुरैना में भीम सेना और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों में आग लगा दी और गोलीबारी करनी शुरू कर दी, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। बंद समर्थकों ने रेलवे ट्रैक पर जाम लगा दिया। हिंसा को देखते हुए ग्वालियर के तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है। यहां 50 एटीएम तोड़फोड़ की गई।
भिंड के गोहद, मेहगांव में कर्फ्यू लगा दिया गया है। यहां पांच लोग जख्मी हुए हैं।
पंजाब
पंजाब स्कूल-कॉलेज, बसें और इंटरनेट बंद, सीबीएसई 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं टाली गईं। पटियाला में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें रोकीं। राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 12 हजारों जवानों को तैनात किया गया है।
बिहार
बिहार आरा, भागलपुर और अररिया के फोरबिसगंज में ट्रेनें रोकी गईं। यहां वामपंथी संगठन भी बंद का समर्थन कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश गाजियाबाद में प्रदर्शन हुआ। मेरठ में हुए पथराव में कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा।
ओडिशा
ओडिशा ट्रेनें रोकी गईं।
रांची
रांची पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच झड़प हुई। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। कई लोग जख्मी हो गए। गुस्साए लोगों ने पुलिस पर पथराव किया।
दलित संगठनों की क्या मांग है?
– संगठनों की मांग है कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट को पहले की तरह लागू किया जाए।
केंद्र क्या दलील दे सकता है?
– सूत्रों के मुताबिक, केंद्र की पिटिशन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की दलील होगी कि इस फैसले से एससी-एसटी एक्ट के प्रावधान कमजोर होंगे। लोगों में इस कानून का खौफ घटेगा, जिसकी वजह से इसके उल्लंघन के मामले भी बढ़ेंगे।
सरकार ने केस ठीक से पेश नहीं किया
– कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “निश्चित ही रिव्यू पिटीशन दायर करनी चाहिए, यह सरकार का हक है। हालांकि, असल सवाल यह है कि सरकार इस केस को सुप्रीम कोर्ट में ठीक ढंग से पेश करने में नाकाम क्यों रही, इसकी जांच होनी चाहिए।”
कांग्रेस का भी समर्थन
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि भारत बंद को सफल बनाने में पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता शामिल हैं। प्रदेश सपा अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव के मुताबिक दलित प्रताडऩा को रोकने के लिए लागू एससी-एसटी अत्याचार निरोधक कानून को और भी कड़ाई से लागू करने की जरूरत है। ऑल इंडिया युनाइटेड मुस्लिम मोर्चा ने भी भारत बंद का समर्थन किया है।
भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने अनुसार एससी-एसटी (अत्याचार निरोधक) कानून के मसले पर आहूत भारत बंद का पार्टी का सक्रिय समर्थन है। माले के विधायक विधानसभा के अंदर भी प्रदर्शन करेंगे। बंद का ‘हम’ भी समर्थन कर रहा है। बंद को लेकर प्रतिक्रिया में वंचित मंच मोर्चा के राश्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोर्ट में पैरवी ही ठीक से नहीं की।