लखनऊ। ऑल इंडिया मुस्लिम लॉ बोर्ड को शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा लिखे गए पत्र से बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल रिजवी ने अपने पत्र में अयोध्या समेत देशभर के विवादित स्थलों को हिंदुओं को वापस देने की मांग की थी। रिजवी ने बताया था कि देश की ये नौ मस्जिदें हिंदुओं के मंदिर तोड़कर बनाई गई हैं इसलिए इन्हें हिंदुओं को वापस कर देना चाहिए। इस लिस्ट में अयोध्या समेत दिल्ली का कुतुब मीनार भी शामिल था। वहीं रिजवी की इस चिट्टी पर देवबंद के उलेमा भड़क गए हैं। उनका कहना है कि वसीम रिजवी पर जो केस चल रहा है उससे बचने के लिए और बीजेपी को खुश करने के लिए वो ऐसे हथकंड़े अजमा रहे हैं।
दारुल उलूम निस्वाह के मोहतमिम मौलाना अब्दुल लतीफ ने कहा कि वसीम रिजवी इस तरह के बयान देने के लिए मजबूर हैं क्योंकि उन पर जो केस चल रहे हैं उनसे बचने के लिए वो इस तरह की बयानबाजी कर बीजेपी को खुश करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी हैसियत बुहत गिरी हुई है उनके ऊपर किसी भी वक्त कोई भी गाज गिर सकती है, लेकिन बीजेपी ऐसी मजबूत पार्टी है जो इस तरह की चीजों पर ध्यान नहीं देती इसलिए वसीन रिजवी कुछ भी कर ले बीजेपी उन्हें कोई घास नहीं डालेगी।
मौलाना लतीफ ने रिजवी को सलाह देते हुए कहा कि जो वक्त बचा है कायदे से गुजार लें तो बेहतर होगा। मुफ्ती अथर कासमी का कहना है कि वसीम रिजवी ने जो कहा है वो उसे साबित करके दिखाएं कि वो कौन सा मंदिर है जिसे मुसलमानों ने तोड़कर वहां मंदिर बनाई है। उन्होंने कहा कि असल वजह ये है कि रिजवी पर जो केस दर्ज हैं उनको दबाने के लिए और राजनीति में आने के लिए वो इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं।