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आधार मामला: सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा मैं राष्ट्रवादी जज हूं, आधार जज नहीं

Supreme Court Reuters आधार मामला: सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा मैं राष्ट्रवादी जज हूं, आधार जज नहीं

नई दिल्ली। आधार कार्ड के हर क्षेत्र में जरूरी होने ना होने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ एक सवाल को लेकर नाराज हो गए हैं। सुनवाई के दौरान जज ने एक सवाल पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हम न तो सरकार का बचाव कर रहे हैं और न ही एनजीओं की लाइन का अनुकरण कर रहे हैं। जज ने कहा कि हम मामले की सुनवाई में शुरुआत से ही सुन रहे हैं कि अगर हम आपके साथ नहीं है तो फिर आधार जज है, लेकिन में इसकी परवाह नहीं करता। जज ने कहा कि मैं किसी के प्रति जवाबदेह नहीं हूं क्योंकि मैं सिर्फ संविधान के प्रति जवाबदेह हूं और मैं चाहता हूं कि मैं एक राष्ट्रवादी जज कहलाउं न की आधार जज। जस्टिस चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि जिस तरीके से आप दलील पेश कर रहे हैं वो सही तरीका नहीं है। Supreme Court Reuters आधार मामला: सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा मैं राष्ट्रवादी जज हूं, आधार जज नहीं

आपको बता दें कि आधार मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुआई वाली संवैधानिक पीठ कर रही है। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील श्याम दीवान की दलील पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने नाराजगी जताई और ये टिप्पणी की। आधार के लिए एकत्र किए जाने वाले डाटा को निजता के अधिकार में दखल बताते हुए आधार की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। दीवान आधार के खिलाफ दलील पेश कर रहे थे। जस्टिस चंद्रचूड़ उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और कहा कि वह न तो सरकार का बचाव कर रहे हैं और न ही एनजीओ की लाइन ले रहे हैं। मामले की सुनवाई के दौरान श्याम दीवान ने केंद्र सरकार के हलफनामे का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि विश्व बैंक की रिपोर्ट है कि भारत ने आधार के इस्तेमाल से सालाना 11 अरब डॉलर बचाए हैं। दीवान ने दलील दी कि विश्व बैंक के डेटा का केंद्र सरकार इस्तेमाल कर रही है।

उन्होंने कहा कि विश्व बैंक का डेटा प्रामाणिक नहीं है, क्योंकि हाल में इस बैंक के चीफ पॉल रोमर ने यह कहते हुए इस्तीफा दिया था कि डेटा में समग्रता और शुद्धता नहीं है। तब जस्टिस चंद्रचूड़ ने श्याम दीवान से कहा कि इसमें कितना विस्तार है। तब याचिकाकर्ता की ओर से बहस किए जाने पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यहां आवाज ऊंची करने का कोई मतलब नहीं है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हम देख रहे हैं कि जैसे ही हम सवाल करते हैं हम पर सीधे हमला होने लगता है। जस्टिस चंद्रचूड़ की टिप्पणी पर सीनियर वकील ने खेद जताया और कोर्ट से माफी मांगी।

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