न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निक्की हेली ने कहा है कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी देशों को इस बात के लिए प्रोत्साहित कर रहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस परमाणु समझौते को नापसंद करते हैं उसे वे भी रद्द कर दें और ईरानी मिसाइलों के खिलाफ कार्रवाई और गैर परमाणु उल्लंघमों पर ध्यान केंद्रीत करें। बता दें कि निक्की सुरक्षा परिषद के साथ राजदूतों को वॉशिंगटन लेकर आई थीं। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा परिषद के सभी देशों को सुझाव देते हुए कहा कि बैलिस्टिक मिसाइलों पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के लिए ईरान को दंडित करना चाहिए।
हेली ने कहा कि ईरान को दंडित करने के लिए एक सम्मिलित वैश्विक प्रयास ट्रंप को इस बात भरोसा दिला सकता है कि परमाणु समझौते में बने रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि फ्रांस साल 2015 के परमाणु समझौते की बातचीत करने वाले समूह का एक प्रमुख सदस्य था और उसने भी बैलिस्टिक मिसाइल प्रस्तावों के उल्लंघन के लिए हाल में ईरान पर सख्ती दिखाई गई थी। निक्की ने कहा कि ये काम कर रहा है क्योंकि अगर हम उल्लंघनों के बारे में बातचीत शुरू नहीं करते, उनकी मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाते तो लोग कहते कि अमेरिका फिर से षड्यंत्र रच रहा है।
गौरतलब है कि ईरान की मुखर आलोचक रहीं निक्की सुरक्षा परिषद के बाकी दूतों को मिसाइल के उन हिस्सों को ये दिखाने के मकसद से वाशिंगटन स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डा लेकर आयी थीं कि अमेरिका यमन में ईरान-समर्थित हूथी विद्रोहियों को निषिद्ध मिसाइलों के अवैध ईरानी हस्तांतरण का सबूत बता सके। ट्रम्प प्रशासन अपनी इस बात पर कायम है कि मिसाइलों के ये टुकड़े हूथियों द्वारा यमन से प्रक्षेपित किये जाने के बाद सऊदी अरब में बरामद किया गया था। इनमें ऐसे चिह्न हैं जो इसके ईरान-निर्मित होने की पुष्टि करते हैं। बहरहाल कुछ सुरक्षा विशेषज्ञों ने साक्ष्यों के पुख्ता होने पर सवाल उठाये हैं।