आज किसान आंदोलन का 22वां दिन है. किसानों का संर्घष आज भी जारी. कड़ाके की ठंड के बीच आज भी सैकड़ो किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन दिल्ली बॉर्ड पर डटे हुए हैं. किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की सरकार से मांग कर रहे हैं.
आज दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
किसान और सरकार के बीच कई दौर की बैठके हो चुकी हैं. लेकिन सभी बैठके बेनतीजा रही. इसी बीच किसान आंदोलन को लेकर और सकड़ों पर बैठे किसानों को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई. इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिन सुनवाई की और आज सुनवाई का दूसरा दिन है.
बुधवार को सुनवाई में क्या हुआ
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि सरकार और किसान संगठनों की अब तक की बातचीत में कोई हल नहीं निकला और आगे भी यही दिख रहा है कि ऐसी बातचीत से कोई हल नहीं निकलेगा. इसलिये कोर्ट दोनों पक्षों की एक कमेटी बनाने की बात कही ताकि दोनों बातचीत कर इस आंदोलन को खत्म करें.
यही नहीं कोर्ट ने याचिकाओं पर केंद्र के साथ-साथ अन्य को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है.
कोर्ट ने मांगें किसान संगठनों के नाम
कोर्ट ने केंद्र से उन किसान संगठनों के नाम देने को कहा है जो सड़कों पर बैठे है. ताकि एक कमेटी बनाई जा सके और उनको शामिल किया जा सके. साथी ही कोर्ट ने कहा कि ये मामला अब राष्ट्रीय स्तर का होता दिख रहा है, इसलिये कोर्ट ने इसमें देशभर के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को भी शामिल करने को कहा है.