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पोक्सो के दोषियों को सजा देने के लिए बने फास्ट ट्रैक कोर्ट: बाल आयोग

Fast track court

देहरादून। बाल आयोग ने बच्चों के साथ हो रहे यौन शोषण की शिकायतों पर सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने प्रदेश में पोक्सो के दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए कोई प्रभावी कानून न होने पर चिंता जाहिर की है। आयोग ने इन मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की जरूरत बताई है। बता दें कि हर वर्ष आयोग में पोक्सो के औसतन 15-25 मामले पहुंच रहे हैं।

Fast track court
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बता दें कि बीते शनिवार को बाल आयोग की बोर्ड मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी ने कहा कि प्रदेश में बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाओं में लगातार वृद्धि देखी गई है। यह बेहद चिंता का विषय है। खंडूड़ी ने कहा कि वर्तमान में पोक्सो संबंधी मामलों में कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं है। जिससे कि पीडि़तों को जल्द न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया जटिल होने के कारण दोषी जमानत ले लेता है।

वहीं इस पर भी रोक लगनी चाहिए। इस संबंध में आयोग की ओर से भारत सरकार से उत्तराखंड में फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की मांग की गई। इसके साथ ही प्रदेश के 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए चिल्ड्रन डाटा बैंक के रूप में सॉफ्टवेयर बनाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। इस सॉफ्टवेयर में प्रदेशभर के 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों संबंधी जानकारियां फीड होंगी और जरूरत पडऩे पर किसी की भी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।

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