श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को मौत के घाट उतारने के बाद उनके लिए दुआ करने वालों की कमी नहीं है। खुद जम्मू-कश्मीर के सत्ताधारी नेता भी आतंकियों की तारीफ करते हुए नजर आ जाते है। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है जम्मू-कश्मीर की सत्ताधारी पार्टी पीडीपी के नेता अहमद मीर का। अपने विवादित बयानों के लिए जाने-जाने वाले अहमद मीर ने आतंकियों की तारीफ तो नहीं की, लेकिन उन्होंने ये जरूर कह दिया कि एक आतंकी हो या पुलिस वाला सभी की मौत पर हम विरोध करते हैं,क्योंकि आतंकवादी भी हमारे भाई है।
हम मौत पर उनके घरों में जाएंगे क्योंकि ये एक धार्मिक दायित्व है। मीर ने कहा कि पीडीपी की नीति को मानते हुए, मैं मारे गए आतंकियों के सांत्वना के लिए उनके परिवार से मिलूंगा, चाहे वे सीआरपीएफ का जवान हो या स्थानीय आतंकी, सहानुभूति प्रकट करने पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि हालांकि ये सुरक्षा स्थितियों पर निर्भर करता है, कभी-कभी हम जा सकते हैं और कभी नहीं भी जा सकते हैं।
पीडीपी नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करने के कराण पीडीपी को अपने पार्टी एजेंडे को ताक पर रखना पड़ रहा है। मीर अनुच्छेद 370 के लेकर कहा कि इस अनुच्छेद को लेकर उनका नजरिया कुछ अलग है, जबकि हमारा नजरिया कुछ और है। राज्य में और दोनों जगहों पर सरकार चलाने में उनका नजरिया अलग था और हमारा भी पूरी तरह अलग था, लेकिन हमें सरकार का गठन करने के लिए शामिल होना पड़ा।