नई दिल्ली। कहते समय के साथ हर चीज बदलती है। इसी तर्ज पर आठ नंवबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1000 और 500 के पुराने नोटो को चलन से बाहर कर दिया था। हालांकि 500 का नोट तो नए रंग रूप में वापस आ गया, लेकिन 1000 का नोट इतिहास बन गया है। ऐसे अब आने वाली नई जनरेशन को इन नोटों को देखने की उत्सुक्ता ठीक उसी तरह से बनेगी, जैसे की हमें आज पुरानी करेंसियों को देखने की होती है। दरअसल हम ये बात आपको इसलिए बता रहे हैं,क्योंकि हम आपको आज एक पुरानी भारतीय करेंसी के बारे में बताने जा रहे है।
क्या आपको पता है कि भारत में ढाई रुपये का नोट भी कभी चला करता था और ये कैसा दिखता था। इस नोट को ब्रिटिश गर्वमेंट ऑफ इंडिया ने दो जनवरी 1918 में जारी किया था। उस समय इसको 2 रुपये आधा अन्ना का नोट कहा जाता था। ब्रिटिश राज में एक रुपये में 16 अन्ना होते थे इसलिए इसमें दो रुपये के साथ आधा अन्ना जोड़ा गया था। इस नोट को ब्रिटेन में हैंडमेड पेपर पर प्रिंट किया जाता था और इस पर George V का चिन्ह होता था।
इस पर उस समय के ब्रिटेन के फाइनेंस सेक्रेटरी M M S Gubbay के हस्ताक्षर हुआ करते थे। आज शायद ही यह दुलर्भ नोट देखने को मिले। भारतीय मुद्रा के इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाने वाले इस नोट की कीमत उस वक्त एक डॉलर के करीब थी। साल 2015 में इस नोट की नीलामी की गई थी। नेशनल लेवल रेयर क्वाइन एग्जिबिशन में रखे गए इस नोट की कीमत ढाई लाख से ज्यादा रखी गई थी। इसको देखने के लिए काफी लोग तब एग्जिबिशन में जुटे थे।