नई दिल्ली। देशभर के डॉक्टर मंगलवार को हड़ताल पर हैं। दरअसल संसद में पेश होने वाले नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने ये बंद बुलाया है। जिसमें करीब 3 लाख डॉक्टर शामिल हो रहे हैं। प्राइवेट से लेकर सरकारी अस्पतालाओं के ओपीडी ठप रहने का अनुमान है। हालांकि इमरजेंसी सेवा जारी रहेगी। क्योंकि इससे मरीजों को काफी परेशानी हो सकती हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि अगर ये बिल पास हुआ तो इतिहास का काला दिन होगा। आईएमए का कहना है कि अगर ये बिल पास हुआ तो इलाज मंहगा होगा और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा।
बता दें कि आईएमए नए बिल के कई प्रावधानों के ख़िलाफ़ है. प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 15% सीटों की बज़ाय 60% सीटों की फीस तय करने का अधिकार मैनेजमेंट को दिया जाना है। एमबीबीएस के बाद भी प्रैक्टिस के लिए एक और परीक्षा देने को अनिवार्य बनाना जैसे कई दूसरे प्रावधानों का विरोध हो रहा है। इसमें एमसीआई की जगह एक राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग बनाने का प्रावधान है।
वहीं आईएमए के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रवि वनखेडकर ने कहा, ‘‘मौजूदा स्वरूप में एनएमसी विधेयक स्वीकार्य नहीं है। यह विधेयक गरीब विरोधी, जन विरोधी है और अलोकतांत्रिक स्वरूप वाला है। उन्होंने कहा कि इसलिए आईएमए मुख्यालय कल देशभर में सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक 12 घंटे नियमित सेवाएं बंद रखने का ऐलान करता है। दिल्ली चिकित्सा संघ (डीएमए) आईएमए के विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहा है और उसने राष्ट्रीय राजधानी में सभी निजी और कॉर्पोरेट अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद करने का आह्वान किया है।
साथ ही आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ के के अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर विधेयक का मसौदा फिर से तैयार करने और कुछ प्रावधानों में बदलाव का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि आयुष स्नातकों को एक ब्रिज पाठ्यक्रम करने के बाद आधुनिक चिकित्सा पद्धति की प्रेक्टिस करने की इजाजत देने वाला प्रावधान गलत तरह से इलाज के तरीकों को बढ़ावा देगा।