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संसद में उठा बैजल और केजरीवाल का मुद्धा, सपा ने कहा बैजल कर रहे सीएम के साथ चपरासी जैसा बर्ताव

cm 3 संसद में उठा बैजल और केजरीवाल का मुद्धा, सपा ने कहा बैजल कर रहे सीएम के साथ चपरासी जैसा बर्ताव
नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश में अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप राज्यपाल अनिल बैजल के बीच का ये मुद्दा संसद के शीलाकलीन सत्र में जमकर गुंजा। संसद के उच्चा सदन यानी की राज्यसभा में भले ही आम आदमी पार्टी का अभी कोई सांसद न हो, लेकिन राज्यसभा में पार्टी के नेतृत्व करने वाले विपक्ष के बहुत से नेता है। इन्ही में से एक सपा के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने केजरीवाल और बैजल के बीच में जारी अधिकारों की जंग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि दिल्ली के एलजी दिल्ली के सीएम केजरीवाल के साथ चपरासी जैसा सलूख करते हैं। इसी के साथ उन्होंने दिल्ली की सरकार को ज्यादा अधिकार देने की वाकलत की।
cm 3 संसद में उठा बैजल और केजरीवाल का मुद्धा, सपा ने कहा बैजल कर रहे सीएम के साथ चपरासी जैसा बर्ताव
उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार को कोई अधिकार नहीं हैं। लेफ्टिनेंट गवर्नर दिल्ली के मुख्यमंत्री को चपरासी की तरह ट्रीट करते है, जोकी एक मुख्यमंत्री की बेइज्जती है। ये मैं बिल्कुल सहन नहीं कर सकता। ये दिल्ली सरकार का भी आरोप है। चीफ मिनिस्टर का आरोप है। आप दिल्ली को पूरी पावर देने की बात करिए। आप चर्चा करा लीजिए। दिल्ली सरकार को कानून बनाने का अधिकार दीजिए। साढ़े तीन साल हो गए, दिल्ली को क्यों नहीं आपने बढ़िया शहर बना दिया। इसी के साथ उन्होंने मैजेंटा लाइन मेट्रो के उद्घाटन समारोह में केजरीवाल को नहीं बुलाए जाने का मुद्धा भी उठाया। नरेश ने बीजेपी के रवैये की अलोचना की।
इसके अलावा एसी नेता रामगोपाल यादव, तृणमुल कांग्रेस, माकपा और भाकपा ने भी केजरीवाल का समर्थन करते हुए बीजेपी की जमकर आलोचना की। तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक ने इसे ‘ओछी राजनीति’ का नतीजा करार दिया। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस मसले पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि मैजेंटा लाइन पर उत्तर प्रदेश में मेट्रो के रेलखंड के उद्घाटन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, इसलिए केजरीवाल को आमंत्रित नहीं किया गया। दिल्ली सरकार और एलजी के बीच टकराव के मुद्दे पर सीपीआई नेता डी राजा ने कहा कि इसे अब खत्म करना ही होगा। उन्होंने कहा कि हम इस टकराव को कब तक जारी रखेंगे। ये सिर्फ दिल्ली की बात नहीं है, पुडुचेरी के साथ भी यही समस्या है।

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