Breaking News उत्तराखंड

क्षय रोगियों के लिए सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुरू की नई उपचार पद्धति

cm rawat news क्षय रोगियों के लिए सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुरू की नई उपचार पद्धति

देहरादून। सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनता मिलन कार्यक्रम के तहत अपने आवास पर क्षय रोगियों के लिए इलाज की नई उपचार पद्धति डेली रिजीम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के तहत सीएम रावत ने क्षय रोगियों को दवाई वितरित कर इस कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया। इस कार्यक्रम के तहत लॉंच ऑफ डेली रेजीम फॉर टीबी ट्रीटमेंट को सम्बोधित करते हुए सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि साल 2025 तक भारत को ट्यूबरक्लोसिस से मुक्त करना है।

cm rawat news क्षय रोगियों के लिए सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुरू की नई उपचार पद्धति

सूबे के लोगों की इसके प्रति जागरूकता देखते हुए ये लगता है कि यह लक्ष्य 2024 तक पूरा हो जायेगा। क्षय रोग अब किसी तरह से लाइलाज नहीं है, चिकित्सा के क्षेत्र में नित नए प्रयासों से इस पर विजय पाई जा चुकी है। इस रोग के प्रति लोगों की जागरूकता आवश्यक है। इस रोग में चिकित्सीय परामर्श के साथ नियमित उपचार होना चाहिए। हमारी सरकार भी सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए संकल्पबद्ध और कार्यरत है। हम सूबे में चिकित्सा के क्षेत्र में नई तकनीकि लागू करने से पीछे नहीं हट रहे हैं।

उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं सहित सभी युवाओं से कहा कि वे सीधे फेसबुक, ट्विटर और ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री को अपने सुझाव दे सकते हैं। विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले सात-आठ माह में शासन प्रशासन की कार्य प्रवृत्ति में बहुत सुधार आया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि स्वास्थ्य विभाग के लोग पूर्ण निष्ठा के साथ जुड़कर प्रदेश से क्षय रोग का नाश करेंगे। राज्य क्षय नियन्त्रण अधिकारी डॉ.बी.सी.काला ने बताया कि एचआईवी और ड्रग रेजिस्टेंट मरीजों के कारण ट्यूबरक्लोसिस से लड़ने की चुनौती जटिल हो गई है। पहले डॉट्स कार्यक्रम के अंतर्गत प्रति सप्ताह 3 दिन ट्यूबरक्लोसिस की दवाइयां दी जाती थी जबकि प्राइवेट अस्पताल प्रतिदिन दवाइयों के डोज देते थे। इलाज में एकरूपता लाने और ड्रग रेजिस्टेंस की समस्या को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइड लाइन के अनुसार अब से नई प्रक्रिया के अंतर्गत क्षय रोगी को प्रतिदिन फिक्स्ड डोज दिया जाएगा। पहले की 78 गोलियों के स्थान पर अब मरीज को केवल दो या तीन गोलियां खानी होगी।

Related posts

ढाका : कैफे पर हमले में 2 एके-22 राइफलों का इस्तेमाल हुआ था

bharatkhabar

मीडिया के सवाल पूछने से नाराज हुए थाईलैंड के पीएम, कहा- मेरे कट आउट से बात करो

Breaking News

भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा भेजेगी बीएसपी, पार्टी मीटिंग में हुआ फैसला

Vijay Shrer