हरदोई। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में मतदान का दिन निर्धारित होने के बाद सूबे में एक बार फिर सात महीने बाद चुनाव का माहौल बन गया है। राज्य में बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी, सपा में सीधी टक्कर है। जहां एक तरफ इन चुनावों में योगी के सात महीने के कामों की परीक्षा है, तो वहीं विधानसभा चुनाव में सुपड़ा साफ होने के बाद कांग्रेस,सपा और बीएसपी के लिए उत्तर प्रदेश में अपनी जमिन बचाए रखने का एक और मौका है। इसके अलावा इस चुनाव में बड़े पैमाने पर निर्दलिय प्रत्याशी भी चुनाव में उतर रहे हैं, खुद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की भतीजा बहु बीजेपी से टिकट न मिलने को लेकर कानुपर से निर्दलिय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहीं हैं।
वहीं अगर ताजा आकड़ों की माने तो सबसे ज्यादा निर्दलिय प्रत्याशी हरदोई सीट पर खड़े हो रहे हैं। हरदोई के इन प्रत्याशियों में अच्छा चुनाव चिन्ह पाने के लिए होड़ मच गई है। वहीं चुनाव आयोग तो चुनाव आयोग है वो अपने हिसाब से सबकों चुनाव चिन्हा महैया करवाएगा , जिनमें से आधो को चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह दे भी दिए है। इन निर्दलिय प्रत्याशियों को आयोग ने चुनाव चिन्हा के तौर पर किसी को शहनाई दी है तो किसी को बजाज का स्कूटर, किसी को चमक्ता सितारा तो किसी को उगता सूरज आयोग ने चुनाव चिन्हा के तौर पर दिया है। वहीं जिन्हे अभी आयोग ने चिन्ह नहीं दिया है उनके लिए आयोग ने लकी ड्रा का नया हथकंड़ा अपनाया है।