बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मुहीम बिहार में फेल साबित हो रही है। ताजा मामला बिहार के सीतापुर से सामने आया है। यहां बेटी को बोझ समझने वाले बाप ने चलती ट्रेन में से अपनी तीन मासूम बेटियों फेंक दिया। जिसके बाद तीनों में से एक 6 साल की मासूम का शव मानपुर इलाके में रेलवे स्टेशन से बरामद किया गया। जबकि दो मासूमों को स्थानीय लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया।
इस सनसनीखेज वारदात का सामने आने के बाद पुलिस ने भी इस मामले को दर्ज कर लिया। पुलिस ने मासूम के परिजनों की तलाश भी शुरु कर दी है। जानकारी है कि मासूम बच्चियों को अमृतसर से सहरसा जा रही जनसेवा एक्सप्रेस से सुबह के करीब 3.30 बजे बच्चियों को फेंकने का सिलसिला उनके बाप ने शुरु किया। जिसके बाद 8 साल की बच्ची को भवानीपुर, 5 साल की बच्ची को गौरा गांव के करीब चलती ट्रेन से फेंक दिया गया। जिसके बाद सुबह के करीब 8 बजे ग्रामीणों को घायल अवस्था में मासूम बरामद हुई। ग्रामीणों ने दोनों बच्चियों को अस्पताल में भर्ती कराया।
जानकारी है कि 8 साल की बच्ची का नाम अल्बतुन खातून और 5 साल की बच्ची का नाम सलीना खातून है। पुलिस को पूछताछ में पता लगा है कि अल्बतुन बिहार के मोतिहारी की रहने वाली है जोकि अपने पिता इद्दू और माता अबलीना खातून के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी। लेकिन अचानक ही उसके पिता ने चलती ट्रेन से उसे धक्का दे दिया। वही शाम होते होते रमईपुर हाल्ट इलाके से 6 साल की मासूम के शव को ग्रामीणों ने बरामद किया और इसकी जानकारी पुलिस को दी। वही मामला सामने आने के बाद पुलिस ने मासूम के परिजनों की तेजी से तलाश करनी शुरु कर दी है।