नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी और उपराज्यपाल के बीच गेस्ट टीचर्स को लेकर खींचातानी दिखाई दे रही है। जहां दिल्ली सरकार इसे सही मान रही है तो वहीं उपराज्यपाल का कहना है कि ये असवैधानिक है। आप ने बुधवार को विधानसभा का सत्र बुलाया है। इस एक सत्र में सरकार गेस्ट टीचर से जुड़ा बिल पेश करने जा रही है। केजरीवाल की कैबिनेट ने पिछले हफ्ते ही बिल के मसौदे को तैयार किया था। जिसके बाद मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली सरकार 4 अक्टूबर को विधानसभा के समक्ष ये बिल पेश करेगी जिसके बाद सभी गेस्ट टीचरों को स्थाई किया जाएगा।
बता दें कि बिल पेश होने से पहले ही बीते मंगलवार की शाम को उपराज्यपाल अनिल बैजल की तरफ से एक बयान जारी किया गया। इस बयान में कहा गया कि गेस्ट टीचर्स को स्थायी करने के लिए लाए जा रहे बिल पर सरकार पुनर्विचार करे, क्योंकि ये मामला उनके या दिल्ली विधानसभा के दायरे में नहीं आता है। एलजी के इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी सरकार ने जवाबी पलटवार किया है। दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि नए शिक्षकों की भर्ती के लिए एलजी तैयार हैं। लेकिन गेस्ट टीचर्स को पक्का करने के लिए वो मना कर रहे हैं। गोपाल राय का कहना है कि गोस्ट टीचर्स को बेरोजगार करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। बीजेपी बिल लाने के लिए कहती है, लेकिन उनके एलजी इसे असंवैधानिक बताते हैं। दिल्ली में करीब 17 हजार गेस्ट टीचर्स हैं। जिनमें से करीब 15 हजार की नौकरी पक्की की जाने का मसौदा तैयार किया गया है।