नई दिल्ली। देश में गिर रही आर्थिक दर और बढ़ रही मंहगाई के बीच वित मंत्रालय की ओर से एक अहम फैसला लेते हुए केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने साफ कि सरकार मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ाएगी। अब उनका कार्यकाल आने वाले अक्टूबर 2017 से अगले साल यानी अक्टूबर 2018 तक के लिए बढ़ा दिया जाएगा। आपको बता दें कि देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर अरविंद सुब्रमण्यम को साल 2014 में इस पद पर लाया गया था। इसके पहले सुब्रमण्यम पीटरसन इंस्टीट्यूट फार इंटरनेशनल एकोनामिक्स में बतौर वरिष्ठ फेलो कार्यरत थे।
अक्टूब 2017 में इनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। अब देश की बिगड़ती जीडीपी और बढ़ती महंगाई को देखते हुए वित्तमंत्री अरूणजेटली ने शनिवार को ये साफ करते हुए अरविंद सुब्रमण्यम का कार्यकाल 1 साल के लिए बढ़ा दिया है। देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार का काम देश के वित्तमंत्री को वृहत आर्थिक मामलों में सलाह देने का सरकार का कार्यकाल मई 2019 में पूरा होने वाला है। अरविंद ने ये पद अक्टूबर 2014 में रघुराम राजन के बाद ग्रहण किया था। चूंकि रघुराम राजन साल 2013 में आरबीआई के गर्वगर बनाए गए थे। जिसके बाद ये पद रिक्त हो गया था, नए सलाहकार की नियुक्त ना होने के चलते उनके पास ही ये पद बना हुआ था। लेकिन साल 2014 में इस पद पर अरविंद की नियुक्ति सरकार ने कर दी थी।
ऐसे में देश में गिरती जीडीपी की दर और बढ़ रही महंगाई देश के साथ सरकार के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है।अपने कार्यकाल के विस्तार किए जाने पर अरविंद का मानना है कि सरकार के साथ वो लगातार कई आर्थिक मोर्चों पर काम कर रहे हैं। सरकार कई आर्थिक सुधारों की तरफ काम कर रही है। हमें जीडीपी में सुधार के लिए निर्यात बढाने के साथ निवेश में बढ़त लाने की आवश्यकता है। हम देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए एक चुनौती की तरह काम कर रहे हैं। अरविंद सरकार के सामने कई बार आरबीआई मॉनीटरिंग के साथ पॉलिसी सुधार और रेट कट जैसे मुद्दों पर अपनी राय रख चुके हैं।