मुंबई। उन तस्वीरों को आज भी देखें तो रुह कापं जाती है…उन रोते बिलकते चेहरे को आज भी याद करें तो मन भर आता है…उन धमाकों की गर्जना आज भी महसूस करें तो जी थर्रा उठता…उस जलती हुई इमारत की तस्वीर आज भी देखें तो उतनी ही तकलीफ होती है…उस मंजर को आज भी याद करें तो आज भी दिल दहल जाता है…जी, हम 26/11 आतंकी हमले की बात करे रहे हैं। उस काली रात को भले ही आज 8 साल हो गए हों लेकिन उस रात का मंजर आज भी लोंगो के जहन में उतना ही ताजा है। उस दिन किसी ने अपने पति को खोया, किसी ने अपने भाई को , किसी ने अपने माता-पिता को …भले ही लोग कई हो लेकिन इन सबका दुख एक सा है और वो है अपनों को खोने का दर्द।
160 लोगों की हुई मौत:-
सपनों की नगरी कही जाने वाले मुंबई हमेशा की तरह ही 26 नवंबर 2008 को उतनी ही बिजी थी…किसी बड़े आतंकी हमले से अंजान। मायानगरी की पहंचान कहे जाने वाला गेटवे ऑफ इंडिया पर लोगों की उतनी ही भीड़ थी और उसके ठीक सामने बने ताज होटल पर उतनी ही चहल कदमी थी। लेकिन देर शाम ताज होटल में एक के बाद एक धमाकों से पूरा देश दहल गया जिसकी गूंज वहां पर आज भी सुनाई देती है। इस आतंकी 160 लोग मारे गए जिनका दर्ज आज भी उतना ही ताजा है।
जानिए आखिर क्या हुआ था उस रात:-
- 26 नवंबर की देर रात करीब 10 हथियारों से लैस आतंकी एक नाव पर सवार होकर समुद्री रास्ते से मुंबई पहुंचे।
- इसके बाद वो अलग-अलग जगहों पर फैल गए ताकि ज्यादा नुकसान पहुंचा सकें।
- इस हमले में उन्होंने होटल्स, रेलवे स्टेशन, कैफे, अस्पताल और कई अहम इमारतों को निशाना बनाया।
- जिनमें छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन के अतिरिक्त ताज होटल, होटल ओबेरॉय, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल तथा दक्षिण मुंबई के अनेक स्थानों पर हमला किया।
- ताज होटल के अंदर आतंकियों ने 15 लोगों को बंधक बनाया और होटल ओबेरॉय में 40 लोगों को बंधक बनाया था।
- आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ 58 घंटों तक चली।
- 10 आतंकियों में से 9 आतंकवादी मारे गए, जबकि एक आतंकी अजमल आमिर कसाब पकड़ा गया था।
- कसाब का ताल्लुक लश्कर ए तैयबा आतंकी संगठन से बताया जा रहा था।
- कसाब पाकिस्तान के फरीदकोट गांव का रहने वाला था।
- कसाब ने नार्कों टेस्ट के दौरान कई बड़े खुलासे किए।
- पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने भी इस बात की पुष्टि की थी कि 26/11 के मुंबई हमले में पाकिस्तान का सीधा हाथ था।
- कई सालों तक पुणे की यरवडा जेल में रखने के बाद कसाब को 20 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई।
- इस आतंकी हमले में 160 लोगों की मौत हो गई थी।