देहरादून। कालेधन को लेकर पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। इसी के चलते पीएम मोदी ने 500 और 1000 के नोटों की बंदी का ऐलान किया है पूरा देश इसके बाद से लाइनों में नजर आ रहा है। लोग जहां अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं, वही देवभूमि के बड़े अधिकारियों ने अभी तक अपनी सम्पत्ति का ब्यौका सरकार को नहीं दिया है।
सूबे में वर्तमान समय में तकरीबन 129 पीसीएस अधिकारी कार्यरत हैं, जिनमें तकरीबन 72 अधिकारियों ने साल 2013 से आज तक अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा सरकार को नहीं दिया है। इनमें कई तो ऐसे हैं जिन्होने कोई ब्यौरा आज तक उपलब्ध नहीं कराया है।
कुछ अधिकारियों का मानना है कि प्रत्येक अधिकारी को अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा सरकार को देकर सार्वजनिक करना चाहिए इससे जनता में उनकी स्वच्छ छवि जायेगी साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी। वहीं कानूनी विशेषज्ञों की माने तो जिन अधिकारियों ने अभी तक अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है वो लगातार केंद्र और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं। अब सरकार ऐसे अधिकारियों पर कब तक कार्रवाई करती है जिन्होने अपना कोई ब्यौरा नहीं दिया है।