मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद के छावनी क्षेत्र में सदर हनुमान चौक स्थित इमारत 210बी यानी आरआर मॉल की इमारत पर शनिवार सुबह कैंट बोर्ड ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। इस दौरान चार लोगों की मलबे में दबकर मौत हो गई। मेरठ कैंट में सदर हनुमान चौक स्थित 210बी बिल्डिंग पर कैंट बोर्ड की ध्वस्तीकरण कार्यवाही के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों ने कैंट बोर्ड के सीईओ राजीव श्रीवास्तव समेत चार अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मामले में आरोपी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर अनुज सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं छावनी प्रशासन की ओर से मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी और परिवार को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद की भी घोषणा की गई है। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों का कहना है कि बेकसूर लोगों की मौत हादसा नहीं, बल्कि हत्या है। इस घटना के विरोध में व्यापारियों ने मेरठ बंद रखा।
कैसे रची गई थी रूप रेखा:-
प्रशासन के आदेश पर बिल्डर ने शुक्रवार की शाम खुद इमारत गिराने की तैयारी शुरू कर दी थी। मॉल के शीशे उतार लिए गए थे और चौथी मंजिल पर जेनरेटर लगाकर चार हैमर मशीनें लगाकर छेद कर दिए गए। शनिवार सुबह दिन निकलते ही प्रशासन, सेना, पुलिस और कैंट बोर्ड की टीम बुलडोजर लेकर 210बी पर पहुंची और कुछ देर में ही बिल्डिंग को जमींदोज कर दिया। लेकिन बिल्डिंग के मलबे में वहां रहने वाले दीपक नान वाले अपने पूरे परिवार के साथ दब गए।
मलबे के अंदर से अब तक चार शव निकाले जा चुके हैं। मृतकों में दीपक शर्मा, उसका पुत्र आकाश उर्फ हनी के अलावा हेल्पर का काम करने वाले बिट्टू व गोविंदा शामिल हैं। मलबे में एक होमगार्ड ओमबीर के भी मारे जाने की खबर है। हादसे के बाद एनडीआरफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया। डीआईजी व एसएसपी भी मौके पर पहुंचे।
मेरठ बंद का एलान:-
उधर, व्यापारियों ने एकत्र होकर कैंट बोर्ड के खिलाफ मेरठ बंद का ऐलान कर दिया। इसी दौरान भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल व कैंट विधायक व्यापारियों के साथ सदर थाने का घेराव करने पहुंचे। वहीं, सदर बाजार थाने में सांसद व कैंट विधायक के अलावा व्यापारियों ने घेराव करते हुए जबर्दस्त हंगामा कर दिया। व्यापारियों ने मेरठ बंद का ऐलान कर दिया।
तत्काल राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ के आईजी अमरेंद्र सेंगर दिल्ली से पहुंचे। आईजी सुजीत पांडे, डीआईजी लक्ष्मी सिंह व एसएसपी जे. रवींद्र गौड़ समेत सभी पुलिस अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया।
कैंट के बंगला नंबर 210बी में आबूलेन से सटे 10.5 एकड़ के इलाके में 62 कोठियां, एक मॉल और 22 दुकानें बनी हैं। कैंट बोर्ड का दावा है कि यह निर्माण अवैध है।
हाईकोर्ट ने इसके ध्वस्तीकरण के आदेश दिए हैं। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने भी ध्वस्तीकरण के निर्देश दिए हैं। कैंट बोर्ड इसी आधार पर 19 जून को 210बी के ध्वस्तीकरण के लिए पहुंचा था, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते टीम को वापस लौटना पड़ा था।
शुक्रवार को कैंट बोर्ड ने नए सिरे से यहां स्थित आरआर मॉल के ध्वस्तीकरण का एक्शन प्लान मंजूर किया था।