लखनऊ: कोरोना काल में शिक्षकों ने नौकरी के दौरान अपनी जान गंवाई। इन शिक्षकों के परिनजों के लिए सरकार ने मुआवजे और किसी एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया था। लेकिन कई शिक्षकों की दो-दो बीविया सामने आई है। जिसके बाद अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। शिक्षकों की मौत के बाद दोनों बीवियों ने नौकरी के लिए दावा किया है।
दोनों बीवियों ने मांगी नौकरी
करछना में तैनात रहे एक शिक्षक की दो पत्नियों नौकरी के लिए दावा पेश किया है। दोनों बीवियों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्रार्थना पत्र लिखा है।
किसी भी आश्रित को नहीं मिलेगा लाभ
अभी तक किसी ने भी मृतक आश्रित लाभ के लिए आवेदन नहीं किया। अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के अंतर्गत दो बीवियां होने पर नौकरी नहीं। परिषदीय स्कूलों में भर्ती की शर्तों में एक प्रमुख शर्त होती है। अभ्यर्थी की दो बीवियां नहीं होनी चाहिए।
किसी एक को मिल सकता है नियुक्ति पत्र
प्रयागराज के बीएसए संजय कुमार कुशवाहा ने जानकारी देते हुए बताया कि नियमों के अनुसार मृतक के परिजनों को नियुक्त पत्र जारी हो सकता है। विवाद के मामले में थोड़ी-बहुत कार्रवाई भी की जा सकती है। अभी तक कोरोना काल में प्रयागराज में मृत पांच शिक्षामित्रों के परिजनों को नौकरी नहीं मिला पाई है।