नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप को बहुत बड़ा झटका लगा है।यरुशलम को इजरायइल की राजधानी बनाने के फैसले पर भारत सहित 100 से अधिक देशों ने ट्रंप के फैसले वाले प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। बता दें कि ट्रंप ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने वाले देशों को अनुदान में कटौती की धमकी दी थी।
कुल 128 देशों ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का समर्थन किया। 9 देशों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ में वोट दिया और 3 देशों ने अपने आप को इससे अलग रखा और इसकी वजह थी ट्रंप की देशों को दी हुई धमकी।भले ही वैश्विक मंच पर इस मसले को लेकर अमेरिका अलग-थलग पड़ गया, मगर उसके पश्चिमी और अरब देशों के सहयोगी देशों ने उसके पक्ष में मतदान कर अमेरिका को अकेला पड़ने से बचा लिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी थी कि जो भी देश प्रस्ताव के पक्ष में वोट देंगे, उन्हें अमेरिका की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती की जाएगी।जिन प्रमुख देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया उनमें आस्ट्रेलिया, भूटान, कनाडा, कोलंबिया, हंगरी, मैक्सिको, पनामा, फिलीपींस, पोलैंड और यूगांडा शामिल हैं।
हालांकि महासभा की बैठक में भारत ने इस मसले पर कुछ नहीं कहा, लेकिन ट्रंप द्वारा यरुशलम को इजरायलकी राजधानी के तौर पर मान्यता देने के बाद भारत ने कहा था कि फलस्तीन पर उसकी स्थिति पहले की तरह और स्वतंत्र है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने महासभा के प्रस्ताव की आलोचना की। हेली ने कहा कि अमेरिका इस दिन को याद रखेगा जब एक संप्रभु देश के तौर पर अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने की वजह से संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस पर हमला हुआ। वहीं तुर्की राष्ट्रपति एर्दोआन ने ट्रंप की इस घोषणा को ‘मुस्लिमों के लिए खतरे की घंटी’ बताया है, क्योंकि पूर्वी फिलस्तीनी क्षेत्र के नागरिक इसे अपने देश की भविष्य की राजधानी के तौर पर देखते हैं।