देश की सर जमी से आतंकवाद के खात्मे के लिए शहीद हुए मेरठ के लाल अजय की शव यात्रा में सभी की आंखें नम है। देर रात शहीद जवान अजय कश्यप मेरठ के मिलिट्री अस्पताल में लाया गया। आज सुबह विधिवत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शहीद के शव को गांव के लिए रवाना किया गया। नम आंखों से मिलिट्री के कई आला अधिकारियों ने शहीद जवान अजय को श्रद्धांजलि दी। वहीं गांव में भी अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी कर ली गई ह।ै शहीद अजय वीरगति को प्राप्त हो गए। जिसके बाद मेरठ के थाना जाने क्षेत्र के ग्राम बसा टिकरी में मातम का माहौल है। मातम केवल गांव के लोग ही नहीं बल्कि पूरे जिले भर के लोग मना रहे हैं लोगों का एक ही कहना है कि खून के बदले खून चाहिए ।
जानकारी के अनुसार शहीद जवान अजय 7 अप्रैल 2011 को ’20 ग्रेनेडियर्स’ में नियुक्त हुए थे। फिलहाल वह 55 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। परिजनों ने बताया कि अजय 31 जनवरी को एक माह की छुट्टी के बाद ड्यूटी पर लौटे थे। तीन दिन पहले ही पुलवामा हमले के बाद परिजनों को उनकी चिंता होने लगी थी, जिसके बाद परिजनों ने अजय से फोन पर बात की थी।
बताया जा रहा है कि रविवार को एंनकाउंटर पर जाने से पहले शहीद जवान ने आखिरी बार अपनी पत्नी डिंपल से फोन पर बात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि फिक्र मत करना मैं एक स्पेशल टास्क पर जा रहा हूं। सोमवार सुबह पति की शहादत की खबर सुनते ही पत्नी डिंपल बेहोश हो गईं।
गौरतलब है कि अजय के पिता वीरपाल सिंह सेना से रिटायर्ड हैं। वहीं अजय अपने परिवार के इकलौते सहारे थे। दरअसल, उनके भाई की सात माह पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। उनकी एक बहन है लेकिन उसकी शादी हो चुकी है। अजय की शादी चार साल पहले हुई थी। उनका एक ढाई साल का बेटा है। जिसका नाम आरव है। परिवार की माने तो देश सेवा के लिए उनके परिवार का अगला फौजी आरंव होगा।