सियोल। दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने सोमावार को जापान सागर में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया। उत्तर कोरिया के हाल में परमाणु परीक्षण करने और अन्य सैन्य गतिविधियों के कारण व्याप्त तनाव के बीच यह सैन्य अभ्यास हुआ। दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में यूएस नेवल फोर्सेज कोरिया (यूएसएनएफके) ने एक बयान में कहा कि यह अभियान उत्तर कोरिया के हाल में उकसावे और उसके लगातार आक्रामक कार्यो के जवाब में एकता का एक मजबूत संदेश देने के लिए था।
एक दिवसीय अभ्यास में सहयोगियों ने अपनी गाइडेड मिसाइल विध्वंसक यूएसएस स्प्रूएंस (डीडीजी 111), पनडुब्बियों, दुश्मन की पनडुब्बी से बचाव करने वाले हेलीकॉप्टरों और गश्ती विमानों की क्षमता दिखाई।यूएसएनएफके कमांडर रियर एडमिरल ब्राड कूपर ने कहा कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया के बगैर उकसावे के आक्रामक कार्यो से बचाने के लिए उसके साथ बने रहने के लिए प्रतिबद्ध है।
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के ताकत का यह नया प्रदर्शन दक्षिण कोरिया में अमेरिकी बमवर्षक विमानों की दूसरी बार तैनाती के बाद किया है। पिछली बार ऐसा 21 सितम्बर को किया गया था। दक्षिण कोरियाई भू-भाग से इन विमानों के उड़ान भरने के बाद उत्तर कोरिया ने अमेरिका पर क्षेत्र में तनाव बढ़ाकर इसे परमाणु युद्ध की ओर ले जाने का आरोप लगाया। उत्तर कोरिया द्वारा गत नौ सितम्बर को पांचवां परमाणु परीक्षण किया गया था।
उत्तर कोरिया के ताजा परमाणु परीक्षण की अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने सख्त निंदा की है। उम्मीद की जा रही है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लागू करेगा। उत्तर कोरिया ने हालांकि इन आलोचनाओं की उपेक्षा की है और परमाणु हथियार एवं मिसाइल बनाने को अमेरिका के खिलाफ आत्मरक्षा का आधार बताकर अपना बचाव किया है। कोरिया युद्ध (1950-53) के बाद से ही अमेरिका दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य गठबंधन बनाए हुए और यह उत्तर कोरिया के साथ संभावित टकराव की स्थिति में दक्षिण कोरिया का बचाव करने के लिए प्रतिबद्ध है।