लखनऊ। आगामी विधानसभा चुनावों की खनक उत्तर प्रदेश में साफतौर पर देखी जा रही है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के महागठबंधन को सफल बनाने के लिए कांग्रेस में तेजी आई है। खबरों की मानें तो प्रियकां गांधी ने कमान संभाली है और उन्होंने अपने एक भरोसेमंद शख्स जिसका नाम धीरज बताया जा रहा उसे सूबे के मुखिया अखिलेश यादव से मिलने के लिए भेजा है।
दरअसल सपा ने कुछ दिन पहले अपनी लिस्ट जारी की थी जिसकी 9 सीटों को लेकर दोनों को बीच मतभेद है। क्योंकि 9 सीटों पर कांग्रेस के विधायक है जिस पर सपा के उम्मीदवारों का नाम देखकर कांग्रेस नाराज हो गई है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की सबसे चर्चित अमेठी और रायबरेली को लेकर भी अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। कांग्रेस चाहती है कि वो इन दोनों सीटों से अपने उम्मीदवार उतारे जबिक कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है।इन्हीं सबके बीच समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी का बयान अपने आप में अहम है। अबु ने कहा कि अलायंस तब टूटता है जब कोई अपनी हैसिसत से ज्यादा सीटे मांगता है।
वहीं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा का कहना है कि कांग्रेस से जिन सीटों पर बात हुई थी उन पर सहमति नहीं बन सकी। नंदा ने कहा कि कांग्रेस को 54 सीटें मिलनी चाहिए लेकिन उन्हें 25 से 30 सीटें और दी जा सकती हैं जो 80 के आसपास पहुंच जाएंगी। अमेठी की सीट सपा के पास ही रहेगी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस की कोई लिस्ट नहीं आई है। कांग्रेस की 20 सीटों पर 14 प्रत्याशी घोषित किए गए हैं।