तेजस्वी और भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर टूटा महागठबंधन
सरकार में शामिल राजद के प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों पर पहले आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में सीबीआई और ईडी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। जिसके बाद सरकार में शामिल राजद के नेता और लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव का भी नाम एक बेनामी सम्पत्ति और आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में जोड़ा गया। जिसमें उनके ऊपर सीबीआई ने एक एफआईआर भी दर्ज की अब इस मुद्दे को लेकर नीतीश कुमार की सरकार और नीतीश कुमार पर विपक्ष का हमला शुरू हो गया। विपक्ष तेजस्वी पर कार्रवाई करने का दबाव बना रहा था तो जनता जबाब मांग रही थी। नीतीश कुमार ने तेजस्वी को इस मुद्दे पर जबाब देने के लिए कई बार कहा था। इसके साथ ही घटक दलों से इस मामले में बढ़ रहे गतिरोध को रोकने का भी अनुरोध किया था। इसके बाद नीतीश कुमार ने दबाव को झेवते हुए सरकार से इस्तीफा सौप दिया। इसके साथ ही 20 महीने की महागठबंधन सरकार का अंत हुआ।
भाजपा का समर्थन देना
आखिरकार राजनीति हो या आम जिन्दगी अंत भला तो सब भला 20 महीने की महागठबंधन सरकार से नाता तोड़ नीतीश ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जब इस्तीफा दिया तो पीएम मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने भी ट्वीट कर आभार व्यक्त किया था। इसके बाद भाजपा संसदीय दल की बैठक में और भाजपा विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को समर्थन देने की बात तय हुई। इसी के साथ बिहार में फिर एक नये अध्याय शुरूआत हो गई है। समर्थकों में इस बात को लेकर इतनी खुशी देखी जा रही है कि वो साफ तौर पर कह रहे हैं “फिर से एक बार हो… विकास की बयार हो… बिहार में बहार हो… नीतीशे कुमार हो
अजस्र पीयूष