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वाराणसी हादसा-जांच कमेटी ने सीएम को सौंपी रिपोर्ट-सात अफसर दोषी

Untitled 84 वाराणसी हादसा-जांच कमेटी ने सीएम को सौंपी रिपोर्ट-सात अफसर दोषी

नई दिल्ली। यूपी के वाराणसी फ्लाईओवर हादसे पर कार्रवाही करते हुए सेतु निगम के प्रबंध निदेशक राजन मित्तल समेत सात अफसरों को हिरासत में ले लिया गया है। कृषि उत्पादन आयुक्त राजप्रताप सिंह की अध्यक्षता में गठित जांच समिति की कल देर रात रिपोर्ट आई थी। रिपोर्ट मिलने के बाद    फौरन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए थे।

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बता दे कि  इससे पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ लोक निर्माण विभाग का दायित्व संभाल रहे मित्तल को भी पद से हटा दिया गया था और उनकी जगह जेके श्रीवास्तव को एमडी बना या गया था। बताया जा रहा है कि समिति को जांच में फ्लाईओवर के निर्माण में तमाम खामियां मिलीं हैं। आपको पता दै कि वाराणसी फ्लाईओवर का बीम गिरने की वजह से एक भयानक हादसा हुआ था जिसमें करीब  15 लोगों की मौत हुई थी। कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति से 48 घंटे में रिपोर्ट तलब की गई थी। गुरुवार देर रात समिति ने जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी।

दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

परियोजना प्रबंधक केआर सूदन, सहायक परियोजना प्रबंधक राजेंद्र सिंह, अवर परियोजना प्रबंधक लाल चंद और अवर परियोजना प्रबंधक राजेश पाल को दोषी करार दिया है। विदित हो कि हादसे के बाद वाराणसी पहुंचे उप मुख्यमंत्री मौर्य इनमें से चार अफसरों को पहले ही निलंबित कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को दोषियों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई के निर्देश देते हुए अन्य स्थानों पर भी ऐसी घटनाएं न होने की हिदायत दी है।

इससे पहले गुरुवार दिन में केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर राजन मित्तल को तत्काल प्रभाव से एमडी पद से हटाने की जानकारी दी। एमडी बनाए गए जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव लोक निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता सिविल के पद पर कार्यरत हैं। गौर करने की बात यह है कि रिपोर्ट आने से पहले ही मित्तल को सेतु निगम के प्रबंध निदेशक पद से तो हटाया गया, लेकिन उन्हें उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) के प्रबंध निदेशक जैसे अहम पद पर बनाए रखा गया है। गौरतलब है कि यूपीआरएनएन, सेतु निगम से कहीं अधिक कार्य कर रहा है। विवादों में घिरे राजन मित्तल की राज्य सेतु निगम के एमडी पद पर नियुक्ति को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं।

थर्ड पार्टी निरीक्षण 

बता दे कि  वाराणसी फ्लाईओवर हादसे  के बाद और जांच रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के साथ ही निर्माण कार्य कराने संबंधी सभी विभागों को निर्देशित भी किया है कि इस प्रकार के हादसों की पुनरावृति न हो। इसके लिए सभी विभागों को विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए जाएं और सभी निर्माण इकाइयों द्वारा सावधानियां बरती जाए। महत्वपूर्ण व एक सीमा से अधिक कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य रूप से थर्ड पार्टी निरीक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।

मौतों की संख्या पर भी उलझे

बता दे कि  वाराणसी फ्लाईओवर हादसे में हुई मौतों को लेकर भी राजन मित्तल के पास कोई आकंड़ा नहीं है। बुधवार को बतौर एमडी जारी किए पत्र में राजन मित्तल ने दुर्घटना में 18 लोगों की मौतें होने का हवाला दिया था, जबकि हादसे के बाद घटना स्थल पर गए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 लोगों की मौतें होने की जानकारी दी थी। हादसे के शिकार लोगों के परिवारीजन को सेतु निगम के कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के निमित्त लिखे पत्र की प्रतिलिपि का क्रम गड़बड़ा देना भी मुद्दा बना। मित्तल पत्र की प्रतिलिपि प्रेषित करने में प्रोटोकॉल की गड़बड़ी कर बैठे। प्रोटोकॉल के अनुसार उपमुख्यमंत्री के बाद प्रमुख सचिव का नाम आना चाहिये था, लेकिन उपमुख्यमंत्री से पहले प्रमुख सचिव का नाम अंकित कर दिया गया।

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