लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती के कभी करीबी रहे आरके चौधरी समेते उनके कई समर्थकों ने सपा का दामन थाम लिया है। आरके चौधरी और उनके समर्थकों ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बता दें कि आरके चौधरी ने बीएसपी से अलग होकर बीएस-4 पार्टी बनाई थी, जिसका आज उन्होंने बीएसपी में विलय कर दिया। चौधरी अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार को अखिलेश यादव के आवास 4 विक्रमादित्य पर पहुंचे और सपा में शामिल हो गए। सपा में शामिल होने के बाद चौधरी ने कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा सरकार ने प्रदेश में बहुत काम किया है और सपा समाज को जोड़ने और विकास की बात करती है।
आरके चौधरी की बात करें तो वे बीएसपी के संस्थापक कांशीराम के करीबी माने जाते थे, लेकिन पार्टी में मायावती का कद बढ़ने के बाद मायावती ने उन्हें साल 2001 में पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके बाद चौधरी ने बीएस-4 के नाम से अलग पार्टी का गठन कर लिया था। हालांकि साल 2014 के लोकसभा चुनावों में वापस बीएसपी में आ गए थे।
बीएसपी ने उन्हें मोहनलालगंज संसदीय क्षेत्र से टिकट दिया लेकिन वे बीजेपी के उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे। बीएसपी ने इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में आरके चौधरी को मोहनलालगंज से टिकट नहीं दिया। पार्टी से नाराज होकर उन्होंने बीजेपी से संपर्क किया लेकिन बीजेपी से भी टिकट नहीं मिला तो उन्होंने यहां से निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया था।