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उरी हमलाः देश झेल रहा है एक गलती की सजा?

masood azhar उरी हमलाः देश झेल रहा है एक गलती की सजा?

नई दिल्ली। उरी में हुए आतंकी हमले ने सेना के 19 जवानों को देश से छीन लिया, देश भर में गुस्से और रोष का माहौल है। सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का इस घटना के पीछे हाथ है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह घटना यूपीए सरकार के एक फैसले का परिणाम है? क्या उस फैसले के कारण देश को आज इतना बड़ा भुगताना भरना पड़ रहा है? हम बात कर रहे हैं आतंक के सरगना मसूद अजहर का जो जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया है,
जिसे उरी हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। आपको याद दिला दें कि 17 साल पहले भारत सरकार को मजबूरन इसे जेल से छोड़ना पड़ा था, पहले तो यह चुप रहा पर पिछले एक साल से इसने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले तेज कर दिए हैं।

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गौरतलब है कि मसूद अजहर दिसंबर 2001 में संसद पर हुए हमले का गुनहगार है। इससे पहले कश्मीर घाटी में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में इसे गिरफ्तार किया गया था पर इसकी रिहाई के लिए इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-184 को हाईजैक किया गया जिसके चलते भारत सरकार को 178 यात्रियों के बदले तीन आतंकियों मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को छोड़ना पड़ा था। ज्ञात हो कि जुलाई 2015 में पंजाब के दीनानगर और जनवरी 2016 में पठानकोट एयर बेस पर हुए हमले का भी मास्टरमाइंड भी मसूद अजहर को माना जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार आतंक के इस खूंखार चेहरे ने 2000 में अपना आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद बनाया। इसका पहला शिकार बना कश्मीर जिसमें एक नवयुवक आतंकी ने कार में विस्फोटक भरकर श्रीनगर में सेना कैंप पर हमला किया था जिसमंे करीब 23 लोग मारे गए थे। 2001 में भारतीय संसद को मसूद ने अपना शिकार बनाया, उसके बाद मसूद ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर भी हमले को अंजाम दिया हालांकि इसके बाद करीब 1 साल तक मसूद नजरबंद रहा, यहां आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद कुछ कमजोर सा पड़ने लगा था।

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने एक साल पहले जैश ए मोहम्मद को भारत पर हमले तेज करने को कहा. बदले में नए दफ्तर और ट्रेनिंग सेंटर्स के लिए पाकिस्तान ने जगह दी। पाकिस्तान के कई स्थानों पर जैश ए मोहम्मद के दफ्तर और ट्रेनिंग सेंटर्स खोले गए हैं इन सभी जगहों पर जैश ए मोहम्मद ने आतंकियों की भर्ती और उन्हें ट्रेनिंग देने का काम शुरु कर दिया है।17 साल पहले मजबूरी में जिस आतंकी मसूद अजहर को छोड़ना पड़ा था एक बार फिर वही अपने भाई राउफ असगर के साथ मिलकर भारत पर हमले करवा रहा है। रविवार को हुए उरी हमले में देश के जाबांज 19 जवान शहीद हो गए, उसके पश्चात फिर सोमवार रात कुपवाड़ा में भी गोलीबारी हुई, ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या मसूद अजहर की रिहाई भारत के लिए गले की हड्डी बनती जा रही है, अगर हां तो सरकार और सेना को कड़े फैसले लेने होंगे।

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