लखनऊ: उत्तर प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार पर वार करते हुए कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पांच सवाल किए हैं। कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सरकार से पांच सवाल पूछे हैं। इन सवालों में बेरोज़गारी, किसान, छात्र/छात्राओं, उद्योग और अल्पसंख्यक व बुनकरों की समस्याओं के मुद्दे शामिल हैं।
दिशाहीन और संवेदनहीन है योगी सरकार
कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा है कि योगी सरकार दिशाहीन और संवेदनहीन है। उन्होंने कहा है कि अपने संकल्प पत्र में भाजपा ने शिक्षकों के लिए सामान्य भविष्य निधि पेंशन योजना का वादा किया था, उसका क्या हुआ। कोरोनाकाल में पंचायत चुनाव कराते हुए जिन शिक्षकों का निधन हुआ उनको मुआवजा अब तक क्यों नहीं दिया गया।
किसानों से किया गया वादा कहां है?
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सरकार से सवाल किया है कि संकल्प पत्र में लघु सीमांत किसानों का क़र्ज़ माफ़ करने का वादा था, आज किसान की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। किसान सड़कों पर चीख रहा है, उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा है कि संकल्प पत्र में ही 14 दिनों में गन्ना किसानों का भुगतान करने अथवा देरी होने पर ब्याज सहित भुगतान करने का वादा भी विफल साबित हुआ।
छात्र/छात्राओं से किया गया वादा भी नहीं निभाया
कांग्रेस नेता ने सरकार पर आरोप लगाया है कि 500 करोड़ रुपए से बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर छात्रवृति कोष की स्थापना का वादा था, जिसे सरकार ने पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र में निजी विद्यालयों की फीस एक समान करने का वादा था, जिसे भूला जा चुका है।
जवाब देने से क्यों बच रही योगी सरकार
वहीं कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा है कि योगी सरकार जवाबदेही से बच रही है। मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सरकार साजिश रच रही है। उन्होंने कहा है कि आज प्रदेश की जनता बेहाल है। महंगाई की मार से वे त्रस्त हैं। कोरोनाकाल में अपने परिजनों को खोने वालों के पास आज कुछ बचा नहीं है। उन्होंने कहा है कि 2022 में जनता इनसब का हिसाब लेगी।