तेहरान। ईरान के साथ हुए अमेरिका के परमाणु समझौते को बंद करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद वो घिरते हुए नजर आ रहे हैं। राष्ट्रपति के इस फैसले के बाद अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा है। ईरान के खिलाफ फैसला लेने और उसके परमाणु प्रणाली की गेंद को अमेरिकी कांग्रेस के पाले में डालने को लेकर एक बार फिर दोनों देश आमने-सामने आ गए हैं।
परमाणु समझौते को रद्द करने को लेकर ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ट्रंप पर करारा हमला बोलते हुए कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की ईरान को लेकर नीति ये दर्शाती है कि अमेरिका अपने परमाणु समझौते के जरीए अपने लिए विरोध के सुर उत्पन्न कर रहा है,जिसके चलते वो दुनिया में अलग-थलग पड़ गया है। गौरतलब है कि ट्रंप लंबे समय से इस समझौते की आलोचना करते हुए आ रहे है। ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रमों पर रोक लगाने के अलावा साल 1979 में हुई इस्लामी क्रांति जुड़ी इस्लामी क्रांति ‘ईरानी तानाशाही, आतंकवाद को उसकी सहायता और पश्चिम एशिया व पूरी दुनिया में लगातार जारी उसके आक्रामक रवैये’ के खिलाफ अपनी बात रखी थी।
ईरानी राष्ट्रपति ने ट्रंप की इस बात पर कहा था कि क्या ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं पढ़ा है? क्या कोई राष्ट्रपति खुद से बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय संधि खत्म कर सकता है? जाहिर है कि वह यह नहीं जानते कि यह ईरान और अमेरिका के बीच का द्विपक्षीय समझौता नहीं है। इसी के साथ रूहानी ने साल 1953 के तख्तापलट में सीआईए की संलिप्तता की बात भी कही, जिसमें ईरान की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को हटा दिया गया था। उन्होंने वियतनाम से लेकर अफगानिस्तान और ईरान में युद्ध में अमेरिका के शामिल होने की भी आलोचना की।