कोरोना के कारण देश में बच्चों की पढ़ाई को ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई पर काफी असर और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे तो ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करना आधुनिकीकरण का हिस्सा है। पर इसके परिणाम भी संतोषजनक नहीं रहे हैं।
ऑनलाइन माध्यम से हो रही पढ़ाई को लेकर एक आंकड़ा सामने आया है जिससे यह बात सामने आई है कि भारत में 60 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे इंटरनेट का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में रिमोट विकल्प पर चल रहे स्कूलों और शिक्षा की वैकल्पिक व्यवस्था को करारा झटका लगा है।
60 प्रतिशत स्कूली बच्चे नहीं ले पा रहे ऑनलाइन क्लास
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से यह स्टडी की गई है। इस स्टडी के बाद कई तरह की बातें और भी सामने आईं हैं। सबसे बड़ी बात ये कि 60 प्रतिशत स्कूली बच्चे ऑनलाइन क्लास को केवल इसलिए नहीं देख पा रहे हैं, क्योंकि उनके पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। एक और स्टडी में यह बात कही गई है कि ग्रामीण ही नहीं शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में भी आधे से ज्यादा अभिभावकों ने इंटरनेट सिग्नल और स्पीड को लेकर चिंता जाहिर की है।
सिर्फ 20 प्रतिशत बच्चे ही कर पा रहे ऑनलाइन क्लास
रिपोर्ट पर गौर करें तो इसमें कहा गया है कि सिर्फ 20 प्रतिशत बच्चे ही ऐसे हैं, जो इस महामारी के दौर में पूरी तरह से ऑनलाइन क्लास कर पा रहे हैं। इनमें से भी सिर्फ आधे बच्चे ही लाइव क्लास में जुड़ पा रहे हैं।
ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास में बहुत अंतर: अभिभावक
अभिभावकों की मानें तो ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लास में बहुत अंतर है। ऑफलाइन क्लास में बच्चे किसी चीज को जितनी अच्छी तरह से समझते हैं वो ऑनलाइन क्लास में संभव नजर नहीं आता। वहीं रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेट की समस्या की वजह से करीब 38 प्रतिशत बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया है।