नई दिल्ली। देश में कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं लेती है, तब तक हम यहीं बैठें रहेंगे। इसके साथ ही विपक्ष द्वारा सरकार पर किसानों के समर्थन में जमकर निशाना साधा जा रहा है। जिसके चलते किसानों के मुद्दों पर राज्यसभा में भी चर्चा चल रही है। जिसके चलते विपक्ष द्वारा सरकार पर जमकर निशाना साधने की प्रक्रिया जारी है। इसके साथ ही विपक्षी दलों द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही है। जिसके चलते आज राज्यसभा में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया आमने सामने आ गए। जिसके बाद दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की बात का कटाक्ष किया।
कृषि कानून इसलिए लाए गए ताकि उनकी प्रगति हो सके- सिंधिया
बता दें कि राज्यसभा में भाजपा का पक्ष रखते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि किसान देश के लिए रीढ़ की हड्डी और अन्नदाता हैं और वे अपना ही नहीं पूरे विश्व का पेट भरते हैं। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून इसलिए लाए गए ताकि उनकी प्रगति हो सके। उन्होंने कहा कि देश को राजनीतिक आजादी करीब 70 साल पहले मिल गयी थी लेकिन किसानों को उनकी वास्तविक आजादी नहीं मिल पायी। इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया कहा कि 2019 का कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र पढ़ें। उस समय के हमारे कृषि मंत्री शरद पवार ने साल 2010 में हर एक मुख्यमंत्री को इसी संदर्भ में पत्र लिखा था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जुबान बदलने की आदत हमें बदलनी होगी। चित्त भी मेरा, पट भी मेरा।
सिंधिया को लेकर दिग्विजय सिंह ने ये बोला-
जिसके बाद दिग्विजय सिंह ने सदन में खड़े होकर कहा कि सभापति महोदय मैं आपके माध्यम से माननीय सिंधिया जी को धन्यवाद देता हूं। जितने अच्छे ढंग से वे यूपीए सरकार में सरकार का पक्ष रखते थे। उतने ही अच्छे ढंग से उन्होंने आज बीजेपी का पक्ष रखा। आपको बधाई हो, वाह जी महाराज वाह। इसके बाद सिंधिया ने कहा सब आपका आशीर्वाद है। जिस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमेशा आशीर्वाद रहेगा। आप जिस भी पार्टी में रहें। आगे भी जो हो। हमारा आशीर्वाद आपके साथ रहेगा।