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Shardiya Navratri 2022: जानें कब से शुरू हो रहे हैं नवरात्र और पूजा विधि

Navratri2019 4 Shardiya Navratri 2022: जानें कब से शुरू हो रहे हैं नवरात्र और पूजा विधि
पितृ पक्ष समाप्त होते ही शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाएंगी। हिंदू धर्म में नवरात्रि में माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसका बहुत महत्व माना गयाय है। इस बार 26 सितंबर से 5 अक्तूबर 2022 तक नवरात्रि होंगे। कहा जाता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा 9 दिनों के दौरान कैलाश पर्वत से पृथ्वी लोक पर आती हैं।
माता के भक्त नवरात्रि के 9 दिन मां के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा और उपासना और करते हैं। इसके अलावा मां दुर्गा की उपासना के साथ 9 दिनों का व्रत भी रखा जाता है। नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा पर घटस्थापना होती है।
मां के नौ रूप
नवरात्रि में पहले दिन मां शैलपुत्री तो दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, तो पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा होती है। छठे दिन मां कात्यायनी एवं सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। आठवें दिन महागौरी तो नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
कलश स्थापना
नवरात्रि में पूजा  के साथ- साथ कलश स्थापना को भी महत्वपूर्ण माना जाता है। कलश स्थापना के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। शास्त्रों के  मुताबिक कलश को भगवान विष्णु का रूप माना  जाता है। इसलिए नवरात्रि पूजा से पहले कलश स्थापना की जाती है। नवरात्रि में माता की विधि- विधान से पूजा करने का महत्व है। मां की विधि- विधान से पूजा करने से जीवन में सुख समृदि का वास होता है।
लाल रंग
नवरात्रि में मां की पूजा में लाल रंग का इस्तेमाल जरुर करें। लाल रंग मां को  काफी पसंद है। शारदीय नवरात्रि में मां की पूजा करें तो उसमें लाल रंग जरूर शामिल करें। पूजा में मात को लाल चुनरी और कुमकुम का टीक भी लगाएं।
अखंड ज्योति
अगर आप घर में अखंड ज्योत जलाते हैं तो ऐसा करने से  घर में सकारात्मकता आती है और नकारात्मक ऊर्जा का घर से बाहर जाती है। साथ ही मां की कृपा आप पर बरसती है। नवरात्रि के दिनों में घर में अखंड ज्योति जरुर जलानी चाहिये। साथ ही ध्यान रखें कि अखंड ज्योत में कुछ सावधानियां भी रखनी चाहिये जैसे- साफ सफाई रखें आसपास। साथ ही ज्योत को बुझने नहीं देना चाहिये इसलिये घी का ध्यान रखें।  इसके अलावा मिट्टी या पीतल के दीये का इस्तेमाल करें। पूजा में गाय के घी का दीपक जलायें।
नारियल
मां की पूजा में नारियल भी जरुर शामिल करें, साथ ही विधि विधान के साथ मां की पूजा करें। और आरती करें। इससे आपके जीवन में खुशहाली का वा होता है, साथ ही आपकी हर मनोकामना पुरी होती है।
पूजा
कलश स्थापना के लिए सबसे पहले सुबह उठकर नहायें, इसके बाद साफ सुथरे कपड़े पहनें। साथ ही घर के मंदिर की भी साफ-सफाई कर लें। मां को बिठाने के लिये  सफेद या लाल कपड़ा चौकी पर  बिछायें और इस कपड़े पर थोड़े चावल रख लें । साथ ही एक मिट्टी के बर्तन में जौ बोयें और कलश की स्थापना करें।
साथ ही कलश पर स्वास्तिक बनाना ना भूलें।  कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और चावल डालकर अशोक के पत्ते रखने चाहिए। नारियल  पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांध दें,  और फिर इस नारियल को कलश के ऊपर रखें। अब मां की पूजा करें आरती करें।

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