नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग लगातार निष्पक्ष मतदान के लिए सख्ती बनाए हुए है। आयोग ने इसी के लिए पांचो राज्यों के मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रियों और राजनीतिक नियुक्ति वाले पार्टी के पदाधिकारियों के जन सुनवाई पर चुनावी नतीजे आने तक के लिए रोक लगा दी है। आपको बता देंं चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू है।
पांचों राज्यों के मुख्य सचिवों के नाम पर चुनाव आयोग ने चिट्ठी जारी किया है जिसमें निर्देश दिया गया है कि चुनाव के लिए आचार संहिता के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। चुनाव आयोग ने कहा है कि आचार संहिता लागू होने के बावजूद भी राज्यों में जनता दरबार लगाए जा रहे हैं,जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। जनता दरबार में आने वाली जनता पर चुनाव के माहौल में आसानी से असर डाला जा सकता है, जोकि आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन है।
पोस्टर और होर्डिंग बैन- इससे पहले पांच राज्यों में आगामी चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने सभी अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि पांचो राज्यों में नेताओं के सभी पोस्टरों और विज्ञापनों को ढक दिया जाए। चुनाव आयोग ने ऐसा आदेश इसलिए दिया है जिससे कि किसी भी राजनीतिक पदाधिकारी या राजनीतिक दल की उपलब्धियां उल्लेखित ना होने पाएं। चुनाव आयोग ने निर्देशों पर अमल करने की जिम्मेदारी संबंधित राज्यों के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है। आयोग ने कहा है कि ऐसे सभी पोस्टरों और विज्ञापनों को हटा दिया जाए जिससे किसी भी राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारी या राजनीतिक दल का उजागर ना हो।