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स्थानीय बोलियों में सामग्री निर्माण सरकार की प्राथमिकता: वेंकैया नायडू

स्थानीय बोलियों में सामग्री निर्माण सरकार की प्राथमिकता: वेंकैया नायडू

भारतीय भाषाओं और स्थानीय बोलियों में सामग्री निर्माण में केंद्र, राज्यों व संघ शासित प्रदेशों के बीच सहयोग स्थानीय भाषा में लोगों तक प्रभावी ढंग से पहुंचने के लिए महत्वपूर्ण है। इस बात पर बल देते हुए केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि बदलती संचार माध्यमों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए नये तरीके को अपनाने और सूचना प्रसार में नई मीडिया का इस्तेमाल करना आवश्यक है।

स्थानीय बोलियों में सामग्री निर्माण सरकार की प्राथमिकता: वेंकैया नायडू

स्थानीय बोलियों में संचार के महत्व को उजागर करते हुए नायडू ने केंद्र शासित प्रदेशों में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना पर जोर दिया। उन्होंने इस संबंध में हितधारकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा 75 प्रतिशत की उदारवादी सब्सिडी का भी उल्लेख किया। गुरुवार को यहां केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित मंत्रालय की मीडिया इकाइयों के कामकाज की समीक्षा करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने उक्त बात कही। बैठक में राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल जगदीश मुखी, मंत्रालय में सचिव एन के सिन्हा, केन्द्र शासित राज्यों के प्रतिनिधियों और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस दौरान उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया रेडियो अगस्त 2017 के अंत तक अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में सीमा पार सामग्री के प्रसार के लिए 100 किलोवाट क्षमता वाले दो नए शॉर्टवेव डिजिटल ट्रांसमीटरों की कमीशनिंग करेगा। ट्रांसमीटर दिल्ली में स्थापित किए जाएंगे। अंडमान और निकोबार के लिए वित्तीय वर्ष के अंत तक कार निकोबार में एक नया 100 वाट क्षमता का एफएम ट्रांसमीटर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आउटरीच को बढ़ाने के लिए दमन में 6 किलोवाट एफएम ट्रांसमीटर के स्थान पर 6 किलोवाट ट्रांसमीटर लगाया जाएगा। इसी तरह, करैकल में, पुडुचेरी में, वर्तमान 6 किलोवाट एफएम ट्रांसमीटर को 10 किलोवाट एफएम ट्रांसमीटर द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा ताकि पहुंच बढ़ सके। नायडू ने दोहराया कि सरकार सहकारी संघवाद पर विश्वास करती है और केंद्र और राज्यों व संघ शासित प्रदेशों के विकास के लिए टीम इंडिया के रूप में काम करने पर बल देती है। इस अवसर पर कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि केबल ऑपरेटरों और चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री की निगरानी एक सॉफ्टवेयर का उपयोग करके की जा सकती है और भौतिक सत्यापन की आवश्यकता नहीं है।

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