नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में पांच साल से छोटे उम्र के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाकर देशव्यापी पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, स्वास्थ्य राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते तथा अनुप्रिया पटेल भी उपस्थित थीं। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि पोलियो वायरस से बचने के लिए पोलियो ड्रॉप बच्चों को देने की जरूरत है। उन्होंने निष्क्रिय पोलियो वैक्सीन जैसे कई नये टीकों की शुरूआत के माध्यम से प्रतिरक्षण कार्यक्रम को मजबूत बनाने पर जोर दिया।
राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की पूर्व संध्या पर समारोह को संबोधित करते केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 29 जनवरी को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस है। देश को पोलियो उन्मूलन के केंद्र सरकार के अभियान के तहत रविवार को देशभर में पांच साल से कम आयु के लगभग 17 करोड़ बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। नड्डा ने कहा कि 27 मार्च 2014 को दक्षिण पूर्व एशिया को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया था। हालांकि अभी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नाइजेरिया में इस बीमारी के वायरस मौजूद हैं। अभी खतरा टला नहीं है और हमें भारत को पोलियो मुक्त बनाये रखने के लिए लगातार प्रयास करते रहने होंगे। इसी कारण से सीमा क्षेत्रों पर नजर रखी जाती है| इन देशों की यात्रा से जुड़े सुझाव भी दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में जन्म के दौरान होने वाली नवजात की मौतों के मामलों में भी कमी आई है। 2005 में हजार में 75 बच्चों की जन्म के दौरान मौत होती थी जो 2014 में घटकर 45 रह गई है।
बता दें कि पोलियो की पिलाई जाने वाली खुराक में दुर्बल लेकिन जीवित वैक्सीन वायरस होते हैं, जो शरीर में एक प्रतिरक्षण प्रतिक्रिया को सक्रिय करते हैं। दुर्लभ मामलों में जब बच्चे के शरीर में प्रतिरक्षण क्षमता काफी कम होती है तब वह वायरस पूरे शरीर में तेजी से फैलने लगते हैं।