इस्लामाबाद। पाकिस्तान की बौखलाहट एकबार फिर से देखने को मिल रही है। सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान ने कहा है कि इस संधि का सम्मान किया जाना चाहिए, इसमें भारत किसी तरह से बदलाव या फिर संशोधन नहीं कर सकता है। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी गतिरोधों को लेकर भारत ने कहा था कि वह सिंधु नदी समझौते को रद्द कर सकता है, इसपर बौखलाए पाकिस्तान ने कहा है कि इसमें कोई भी संशोधन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पाकिस्तान के विशेष सचिव तारिक फातमी ने कहा है कि ‘भारत सिंध जल समझौते को बदलाव नहीं कर सकता है, संधि में किसी प्रकार का भी संशोधन स्वीकार नहीं किया जाएगा। हमारी स्थिति संधि में निहित सिद्धांतों पर आधारित है और इस संधि का हर हाल में सम्मान किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा था कि पाकिस्तान की आपत्तियों का द्विपक्षीय ढंग से निस्तारण किया जा सकता है। गौरतलब है कि मौजूदा विवाद किशनगंगा और रातेल पनबिजली परियोजनाओं को लेकर उत्पन्न हुआ है।
क्या है समझौता- जल संधि विश्व बैंक की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच सन् 1960 में हुई थी। संधि के मुताबिक, भारत का तीन पूर्वी नदियों- ब्यास, रावी तथा सतलज पर नियंत्रण है, जो पंजाब से होकर बहती हैं। जबकि पाकिस्तान का पश्चिमी नदियों सिंधु, चेनाब तथा झेलम पर नियंत्रण है, जो जम्मू एवं कश्मीर से बहती हैं।