कोरोना महामारी के मद्देनजर कैदियों को दी गई अंतरिम जमानत और पैरोल की अवधि अब नहीं बढ़ाई जाएगी. दिल्ली हाईकोर्ट ने 25 मार्च, 2020 के अपने उस आदेश को वापस ले लिया है, जिसके तहत कोरोना महामारी के चलते अंतरिम जमानत और पैरोल की अवधि समय-समय पर बढ़ाई गई थी. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत पर चल रहे गंभीर अपराधों में आरोपी 2318 विचाराधीन कैदियों को 2 नवंबर से 13 नवंबर के बीच संबंधित जिला अदालतों में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है. ये सभी जिला अदालतों से अंतरिम जमानत पाकर फिलहाल जेल से बाहर हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला किया है कि कोविड-19 महामारी को काबू करने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान और उससे पहले मंजूर की गई जमानत और अंतरिम रोक की अवधि बढ़ाने का उसका आदेश 31 अक्तूबर के बाद प्रभावी नहीं रहेगा.
अदालत ने कहा कि जिन विचाराधीन कैदियों की जमानत अवधि बढ़ाई गई थी, उन्हें दो नवंबर से 13 नवंबर के बीच चरणबद्ध तरीके से आत्मसमर्पण करना होगा. उसने कहा कि ये आदेश उन 356 कैदियों पर भी लागू होगा, जिन्हें अदालत ने जमानत दी है और उन्हें 13 नवंबर को जेल प्राधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा.
आपको बता दें पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने कहा था कि कोरोना का दौर खत्म हो गया है. जमानत और पैरोल की जो बार-बार अवधि बढ़ाई जाती रही है, उस पर विचार कर जल्द ही फैसला लिया जाएगा.