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CWC की बैठक में इस्तीफा देने को तैयार थी सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी के साथ पार्टी नेताओं ने रोका

SONIYA GANDHI CWC की बैठक में इस्तीफा देने को तैयार थी सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी के साथ पार्टी नेताओं ने रोका

दिल्ली में रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की शर्मनाक हार के बाद यह बैठक काफी अहम मानी जा रही थी।

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बैठक में सोनिया के इस्तीफे के ऑफर के बीच जी-23 नेताओं की मन की टीस भी सुनाई दी। जी-23 के नेताओं ने सोनिया के सामने अपनी बात रखी।

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बैठक में हार पर चर्चा

यूपी, उत्तराखंड, पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली शर्मनाक हार के बाद रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। बैठक में हार पर चर्चा, पार्टी को मजबूत करने समेत कई मुद्दों पर बात हुई। इन सब के बीच एक बार फिर से जी-23 से जुड़े नेताओं का मुद्दा भी सामने आया है। बैठक में जी-23 नेताओं के मन की टीस कार्यसमिति की बैठक में प्रमुखता से सामने आई। सूत्रों के हवाले से बताया गया कि जी-23 नेताओं ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने अपनी पीड़ा के साथ ही पार्टी को लेकर चिंताओं को रखा।

नारद-मुनि से सजग रहना चाहिए

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में जी-23 के तीन नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक शामिल हुए थे। सूत्रों के अनुसार इन नेताओं का कहना था कि वे लोग कांग्रेस के सदस्य हैं कोई राजनीतिक पर्यटक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा पार्टी में बने रहेंगे। उनका यह भी कहना था कि पार्टी नेतृत्व को नारद-मुनि और अफवाह फैलाने वालों के बारे में सजग रहना चाहिए। अब इसमें सवाल उठता है कि आखिर वो कौन से नेता हैं जो पार्टी में नारद मुनि का काम कर रहे हैं। ऐसे कौन नेता हैं जो इन जी-23 नेताओं के खिलाफ सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कान भर रहे हैं।

soniya CWC की बैठक में इस्तीफा देने को तैयार थी सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका गांधी के साथ पार्टी नेताओं ने रोका

वेणुगोपाल और माकन निशाने पर

मीडिया रिपोर्ट में जी-23 नेताओं से जुड़े सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आ चुकी है कि सोनिया गांधी भले ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष हो लेकिन पार्टी को केसी वेणुगोपाल, अजय माकन चलाते हैं। साथ ही इन नेताओं के पास कोई जिम्मेदारी नहीं है। अक्सर पार्टी नेतृत्व से असंतुष्ट नेताओं की तरफ से ऐसे भी बात आती रही है कि राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं हैं फिर भी वह पर्दे के पीछे से पार्टी चलाते हैं और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं। साथ ही राहुल गांधी पर खुले तौर पर किसी नेता से बातचीत नहीं करने के आरोप भी लगते रहे हैं।

माकन, अश्विनी कुमार कर चुके हैं आलोचना

जी-23 के नेताओं ने पार्टी से जुड़े मुद्दों को कभी भी सार्वजनिक रूप से रखा है तो पार्टी से जुड़े कुछ प्रमुख नेता इनके खिलाफ अक्सर सामने आते हैं। अजय माकन, अश्विनी कुमार, दिग्विजय सिंह, अशोक गहलोत जैसे कई नेता हैं । जिन्होंने जी-23 नेताओं के बयान की आलोचना के साथ ही पार्टी से जुड़े मुद्दे को पार्टी से बाहर चर्चा करने को लेकर आपत्ति जता चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और हाल में कांग्रेस छोड़ने वाले अश्विनी कुमार ने तो यहां तक कहा था कि कांग्रेस में फैसले कौन ले रहा है, मालूम है लेकिन मालूम नहीं है। ये सब बेकार की बातें हैं। फैसला सोनिया गांधी, राहुल गांधी ले रही हैं। सीनियर्स से बात करके ले रही हैं।

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अजय माकन ने सिब्बल पर किया था वार

पार्टी को परोक्ष रूप से चलाने वालों में अजय माकन का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है। अजय माकन को राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता है। वह राजस्थान के पार्टी प्रभारी भी हैं। माकन ने सिब्बल को लेकर कहा था कि कुछ लोगों को यह याद रखना चाहिए कि उनकी कितनी हैसियत थी और गांधी परिवार ने उनको क्या दिया। सांसद बनाने के लिए क्या क्या हथकंडे अपनाने पड़े। जितनी योग्यता थी उससे बढ़ कर उन्हें गांधी परिवार ने दिया है। उनकी नैतिक हैसियत नहीं कि वो आला कमान पर उंगली उठाएं।

दीपेंद्र हुड्डा खुलकर पार्टी के साथ

हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा जी-23 के समूह में शामिल नेताओं में से एक हैं। इसके उलट दीपेंद्र हुड्डा को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। दीपेंद्र हुड्डा अपने पिता सीनियर हुड्डा और जी-23 नेताओं से उलट पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ खड़े नजर आते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुष्मिता देव और जितिन प्रसाद जैसे नेताओं के पार्टी छोड़ने पर दीपेंद्र ने कहा था कि अगर कोई जाता है तो पार्टी को नुकसान नहीं होता। वहीं, अगर एक कार्यकर्ता या एक वोटर भी अलग होता है तो उससे नुकसान होता है। दूसरी तरफ जी-23 में शामिल रहे वीरप्पा मोइली सफाई दे चुके हैं कि वह जी-23 से अलग हैं। उन्होंने कहा था कि वह पार्टी के कुछ असंतुष्ट नेताओं की तरफ से जारी बयानबाजी से सहमत नहीं हैं।

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क्या है जी-23?

जी-23 कांग्रेस के पार्टी नेताओं का एक समूह है। इन नेताओं ने पिछले साल पार्टी नेतृत्व और उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए सोनिया गांधी को खत लिखा था। इन नेताओं ने जल्द से जल्द संगठन चुनाव कराने की मांग की थी। कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखने वालों में

1. गुलाम नबी आजाद
2.कपिल सिब्बल
3. शशि थरूर
4. मनीष तिवारी
5. आनंद शर्मा
6. पीजे कुरियन
7. रेणुका चौधरी
8. मिलिंद देवड़ा
9. मुकुल वासनिक
10. जितिन प्रसाद
11. भूपेंदर सिंह हुड्डा
12. राजिंदर कौर भट्टल
13. एम वीरप्पा मोइली

राहुल गांधी की पैरवी करने वाले

कांग्रेस पार्टी का एक धड़ा है जो राहुल गांधी को लगातार पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग करता रहता है। इन कड़ी में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार का नाम सबसे आगे आता है। रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले डी के शिवकुमार और कई अन्य नेताओं ने राहुल गांधी को फिर से पार्टी का अध्यक्ष बनाने की मांग की। अशोक गहलोत ने भी कहा कि राहुल गांधी को तत्काल पूर्णकालिक अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह मेरे जैसे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की इच्छा है।

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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नेता अलका लांबा, अनिल भारद्वाज और कई अन्य नेता और कार्यकर्ता राहुल गांधी के समर्थन में धरने पर बैठ गए।

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