लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू हो गई है। लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष के कई सांसदों द्वारा दिए गए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद 50 से अधिक सांसदों ने इसका समर्थन किया।
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लोकसभा स्पीकर ने जल्द ही चर्चा का समय तय करने की बात कही है। लोकसभा में जिस वक्त इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली, तब गृह मंत्री अमित शाह सदन में मौजूद थे। विपक्ष के लगातार हंगामे के बाद सभा की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
संसद के मानसून सत्र के पांचवे दिन कार्रवाई शुरू हो गई है। विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा की कार्रवाई 15 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके पहले, कांग्रेस ने मणिपुर मुद्दे पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम नो-कॉन्फिडेशन मोशन ला रहे है। लोकसभा में कांग्रेस के व्हिप मनिकम टैगोर ने बताया कि हम PM मोदी का घमंड तोड़ना चाहते थे। वे संसद में आकर मणिपुर पर बयान नहीं दे रहे हैं। हमें लगता है कि इस आखिरी हथियार का इस्तेमाल करना हमारा कर्तव्य है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा स्पीकर ऑफिस में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया है। उधर, बीआरएस सांसद नामा नागेश्वर राव ने भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दायर किया है। दरअसल, विपक्ष जानता है कि सरकार सदन में आसानी से बहुमत साबित कर देगी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार होता है, तो प्रधानमंत्री का भाषण भी होगा। अगर आंकड़ों की बात करें, तो अभी लोकसभा में NDA के 335 सांसद हैं।
मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव 20 जुलाई 2018 में आया। तब सरकार को 325, विपक्ष को 126 वोट मिले थे।