दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई को भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से नवाजा किया गया है।
यह भी पढ़े
मेरठ में एक बार फिर मचा तेंदुए का शोर, दहशत में लोग,सर्च ऑपरेशन जारी
उन्हें व्यापार और उद्योग श्रेणी में 2022 के लिए पद्म भूषण दिया गया। उन्हें ये सम्मान यूएस में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने सैन फ्रांसिस्को में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया। आईआईटी से पढ़े पिचाई ने इस मौके पर कहा – भारत मेरा एक हिस्सा है। मैं जहां भी जाता हूं, इसे अपने साथ ले जाता हूं।
इस मौके पर अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि उन्हें गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को पद्म भूषण से नवाज कर खुशी हुई है। मदुरै से माउंटेन व्यू तक की उनकी प्रेरणादायक यात्रा भारत – अमेरिका के बीच आर्थिक और प्रौद्योगिकी संबंधों को मजबूत और भारतीय प्रतिभा की पुष्टि करती है।
Delighted to hand over Padma Bhushan to CEO @Google & Alphabet @sundarpichai in San Francisco.
Sundar’s inspirational journey from #Madurai to Mountain View, strengthening 🇮🇳🇺🇸economic & tech. ties, reaffirms Indian talent’s contribution to global innovation pic.twitter.com/cDRL1aXiW6
— Taranjit Singh Sandhu (@SandhuTaranjitS) December 2, 2022
गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने पद्म भूषण से सम्मानित होने के बाद लिख ब्लॉग में कहा, मैं इस सम्मान के लिए भारत सरकार और वहां की जनता का ह्दय से आभारी हूं। मैं पद्म भूषण देने और उनकी मेजबानी करने के लिए भारतीय राजदूत संधू को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि भारत उनका एक हिस्सा है, वह जहां भी जाते हैं, इसे अपने साथ ले जाते हैं। पिचाई ने आगे कहा कि मुझे आकार देने वाले भारत देश द्वारा इस तरह से सम्मानित किया जाना अविश्वसनीय रूप से मेरे जीवन को सार्थक बनाता है।
साल 1972 में तमिलनाडु के मदुरई में जन्मे सुंदर पिचाई का मूल नाम पिचाई सुंदराजन है। मगर उन्हें सुंदर पिचाई के नाम से जाना जाता है। पिचाई ने अपनी बैचलप की डिग्री आईआईटी, खड़गपुर से ली है। उन्होंने अपने बैच में सिल्वर मेडल हासिल किया था। उन्होंने बाद में अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से मास्टर इन साइंस की डिग्री और वॉर्टन विश्वविद्यालय से एमबीए किया। सुंदर पिचाई ने साल 2004 में गूगल ज्वाइन किया था।
नीतीश का लालू पर ट्विट वार, बोले-माल और मॉल की चिंता सबसे बड़ी देशभक्ति