लखनऊ। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी की जुगलबंदी से नाराज मुलायम सिंह यादव ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि वो विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं करेंगे जिसके बाद बाप -बेटे की टकरार एक बार फिर से देखने को मिली लेकिन अब अपने बयान से उलट मुलायम ने एक बार फिर से साइकिल की सवारी अखिलेश के साथ करने का फैसला किया है।
सपा के मार्गदर्शन बने मुलायम से जब मीडिया ने चुनाव प्रचार को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने बड़े ही बेबाकी से कहा कि वो 9 फरवरी से समाजवादी और कांग्रेस पार्टी के गठबंधन के लिए प्रचार करेंगें। इतना ही नहीं जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या आप एसपी और कांग्रेस की जुगलबंदी को आशीर्वाद देंगे तो जवाब में उन्होंने कहा, हां बिल्कुल।
मुलायम की इस बयान को सुनकर साफतौर पर कहा जा सकता है कि अपने बेटे अखिलेश के फैसले के चलते उन्होंने अपने रुख में नरमी को अपनाने में ही अपनी और पार्टी की भलाई समझी है। हालांकि मुलायम कांग्रेस और सपा के गठबंधन से बिल्कुल भी खुश नहीं है। जानकारी के मुताबिक आलम ये है कि उन्होंने कांग्रेस की सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की बात भी कही।
बता दें कि 29 जनवरी को पहली बार अखिलेश और राहुल गांधी ने गठबंधन के बाद पहली बार एक साथ मंच को ना केवल साझा किया बल्कि नवाबों के शहर में एक साथ रोड शो में भी दिखाई दिए। संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेस में दोनों ऐसे गले मिले जैसे मानों दोनों के बीच बरसों का याराना हो। यहां तक की राहुल ने अपने गठबंधन को गंगा-जमुना जैसी संज्ञा से भी नवाजा। वहीं उन्होंने इस बात की ओर भी संकेत दिया कि अगर उनका ये गठबंधन सही दिशा में जाएगा तो वो 2019 के आम चुनावों में भी इसे जारी रख सकते है।