नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार अपनी सक्रिय ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर बल दे रही है। इस नीति के हिस्से के रूप में हम सड़क, रेल, दूर संचार, बिजली तथा जल मार्ग क्षेत्रों के माध्यम से संपर्क में समग्र सुधार करके क्षेत्र के अलग-थलग रहने में कमी कर रहे हैं।
पूर्वोत्तर परिषद के 65वें पूर्ण सत्र में भाग लेने शिलांग पहुंच प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि भारत तभी आगे बढ़ेगा जब पूर्वोत्तर क्षेत्र सहित सभी क्षेत्र विकसित होंगे। पूर्वोत्तर क्षेत्र हमारे लिए सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। मेरा यह दृढ़ मत है कि इस क्षेत्र को देश के अन्य विकसित क्षेत्रों के बराबर लाना होगा। चालू बजट में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 30,000 करोड़ रूपए से अधिक धन आवंटित किया गया है। यह सुनिश्चित करना हमारा प्रयास होना चाहिए कि यह राशि क्षेत्र के विकास के लिए खर्च हो।
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर परिषद की सराहना करते हुए कहा कि परिषद ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में सहयोग दिया है। वह अनेक संस्थानों की स्थापना और क्षेत्र में बुनियादी संरचना परियोजनाएं शुरू करने में अग्रणी रही है। पूर्वोत्तर के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि असम में दो प्रमुख परियोजनाओं- ब्रह्मपुत्र क्रेकर एवं पोलिमर लिमिटेड और नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड की मोम यूनिट स्थापित की हैं। ये बड़ी परियोजनाएं हैं जिससे पूर्वोत्तर क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। पूर्वोत्तर दक्षिण पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार है और हमें इसका लाभ उठाने की जरूरत है। हम अपने पड़ोसी देशों के लिए सड़क और रेल दोनों मार्ग खोल रहे हैं। इससे इस क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। हमने पूर्वोत्तर के लिए एक विशेषज्ञ राजमार्ग निर्माण एजेंसी की स्थापना की है, जिसका नाम राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम है। आज की तारीख तक यह पूर्वोत्तर राज्यों में 34 परियोजनाओं का कार्यान्वयन कर रहा है और 10,000 करोड़ रुपये की कुल लागत से 1001 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण कार्य कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि इस बैठक में उत्तर पूर्व के आठ राज्यों के गवर्नर और मुख्यमंत्री ने हिस्सा लिया। बैठक में क्षेत्र के संपूर्ण विकास पर चर्चा की गई। एनईसी की बैठक में प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के विकास पर विचार विमर्श की। बैठक में असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद थे। भाजपा ने अभी हाल में ही असम में अपनी सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की है।